Interesting Facts: पूर्वी उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले की ग‍िनती पिछड़े हुए ज‍िलों में होती है. व‍िकास के ल‍िए इस ज‍िले ने लंबा इंतजार क‍िया है. ऐसा लगता है क‍ि इस ज‍िले को आईआईटी कानपुर की टैगलाइन “मुझे अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो” की जरूरत थी और उसका ये सपना पूरा होने वाला है. क्‍योंक‍ि इसकी कमान संभालने के ल‍िए शीर्ष चार पदों पर अब आईआईटी के स्नातक आ गए हैं. ये कमाल का संयोग है, जब एक ही ज‍िले के शीर्ष 4 पदों पर एक ही संस्‍थान से पढे और पासआउट हुए लोग हैं. अब ये कहा जा सकता है क‍ि देवरिया एक उज्जवल भविष्य की तरफ देख रहा है. 


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दरअसल, योगी सरकार ने शनिवार को कई जिलों के जिलाधिकारियों में फेरबदल क‍िए और इसी क्रम में उन्‍होंने देवरिया में दिव्या मित्तल को नया जिलाधिकारी बनाया. द‍िव्‍या म‍ित्‍तल ने आईआईटी से पढ़ाई की है और उनके इस ज‍िला में आते के साथ अब जिले के चार पदों पर आईआईटी पासआउट लोग हो गए हैं. जिलाधिकारी द‍िव्‍या म‍ित्‍तल के अलावा यहां के पुलिस अधीक्षक, सीडीओ और सांसद भी आईआईटी से ही पासआउट हैं.  


देवरिया के सांसद शशांक मणि त्रिपाठी, 1986 बैच के आईआईटी-दिल्ली के पूर्व छात्र हैं. उन्‍होंने स्विट्जरलैंड के लॉजेन में एक बिजनेस स्कूल से एमबीए की डिग्री भी ली है. वहीं जिला मजिस्ट्रेट दिव्या मित्तल, साल 2013 बैच की आईएएस अधिकारी हैं. उन्‍होंने भी आईआईटी-दिल्ली से ग्रेजुएशन क‍िया हैं और आईआईएम-मुंबई से पीजी की डिग्री ली है. अपने सिविल सेवा करियर से पहले, द‍िव्‍या एक इंवेस्‍टमेंट बैंकर थीं.  


एसपी संकल्प शर्मा आईआईटी-रुड़की से केमिकल इंजीनियर हैं और सीडीओ प्रत्यूष पांडे आईआईटी-कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग स्नातक हैं. उन्होंने आईआईएम-अहमदाबाद से एमबीए किया है. 


हालांकि देवरिया के परिवर्तन पर उनकी योग्यता का प्रभाव आने वाले महीनों में सामने आएगा, लेकिन इस संयोग ने जिले में रहने वाले लोगों के मन में उम्‍मीद जरूर जगा दी है.  


आईआईटी से पढने का लाभ निश्चित रूप से सरकारी अधिकारी को कुछ स्थितियों में मदद करता है.  दिव्‍या की तैनाती जब मिर्जापुर में थी तब उन्‍होंने अपने इंजीन‍ियर‍िंग पढाई का फायदा उठाते हुए पहाड़ की चोटी पर पानी पहुंचाया था. ल‍िहाजा ये कहा जा सकता है क‍ि देवर‍िया आने वाले समय में देश के ल‍िए मॉडल बनने जा रहा है.