Veena Vadini Public School: हर माता पिता अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए हर मुमकिन कोशिश करते हैं और इस बात का पूरा ख्याल रखते हैं कि उन्हें अच्छी शिक्षा मिले. आप तरह तरह के स्कूल सर्च करते हैं और उसकी जानकारी इक्ट्ठा करते हैं. आज हम आपको अपने ही देश के एक ऐसे स्कूल के बारे में बताने जा रहे हैं जिस स्कूल की यूएसपी ही अलग है. उसमें पढ़ने वालों को अलग तरह से क्रिएटिव बनाया जा रहा है. 


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इस स्कूल में बच्चों को एक ऐसा हुनर सिखाया जा रहा है कि जिसे सोचना भी एक अजूबा जैसा लगता है ऐसा सिर्फ फिल्मों में ही देखा होगा. इस स्कूल में बच्चों को दोनों हाथ से लिखना सिखाया जाता है. दोनों हाथ से लिखना सिखाया जाता है इसके अलावा एक और खास बात कि दोनों हाथों से अलग अलग भाषाओं में लिखना भी सिखाया जाता है. 


यह स्कूल भारत में ही है. यह मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले से करीब 15 किलोमीटर दूर है. इसका नाम है वीणा वादिनी पब्लिक स्कूल बुधेला. दोनों हाथों से अलग अलग भाषाओं में लिखने वाले बच्चे यहां एक-दो नहीं हैं बल्कि 100 से ज्यादा हैं. ऐसा माना जा रहा है कि यह देश का पहला ऐसा स्कूल है जहां ऐसी आर्ट सिखाई जा रही है. साइकेट्रिस्ट ने इसके पीछे साइंटिफिक रीजन बताया कि बच्चों को जिस तरह से शुरुआत से ढाला जाता है वह वैसे ही ढल जाते हैं.


इस स्कूल की शुरुआत 1999 में की गई थी. इसे विरंगत शर्मा ने शुरू किया था. विरंगत शर्मा ने शुरू किया था. उनका कहना है कि उन्हें यह सीख देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद से मिली. जिनके बारे में विरंगत शर्मा ने पढ़ रखा था कि वह दोनों हाथों से लिखते थे. 


यहां के स्टूडेंट्स न केवल दोनों हाथ से लिखते हैं बल्कि उन्हें 5-6 भाषाओं का ज्ञान भी है. स्कूल को कई अवार्ड भी मिल चुके हैं. यहां बच्चों को व्यायाम भी सिखाया और कराया जाता है. ये बच्चें 1 मिनट में दो भाषाओं के 250 शब्दों तक का अनुवाद कर देते हैं. 


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