Types of Indian Trains: रेलगाड़ी परिवहन का एक अभिन्न अंग रही हैं, जो लोगों को बेहतरीन यात्रा का अनुभव प्रदान करती हैं. हालांकि, कई लोग विभिन्न प्रकार की ट्रेनों के बारे में नहीं जानते होंगे, जिनमें से हर एक की अपनी विशेषताएं और उद्देश्य होते हैं. आइए आज भारतीय रेलवे में डेमू (DEMU), मेमू (MEMU), ट्राम (Tram) और मेट्रो ट्रेनों (Metro Trains) के बीच अंतर पर गौर करें और जानें कि वे बाकी ट्रेनों से कैसे अलग हैं.


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दरअसल, डेमू और मेमू ट्रेनें स्व-चालित वाहनों की कैटेगरी में आती हैं क्योंकि उनमें एक अलग इंजन नहीं होता है, बल्कि इंजन को ट्रेन में इंटिग्रेटिड किया जाता है. आम ट्रेनों के विपरीत, ये ट्रेनें छोटी दूरी के लिए डिजाइन की जाती हैं और ये आम तौर पर एक शहर के भीतर या आस-पास के शहरों के बीच चलती हैं.


इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (EMU)
ईएमयू का मतलब इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट है और यह ट्रेनें ओवरहेड इलेक्ट्रिक तारों के जरिए बिजली से चलती है. इन ट्रेनों में कोचों पर चढ़ने के लिए कोई अलग सीढ़ी नहीं थी, जिसके परिणामस्वरूप ऊंचे प्लेटफार्मों का निर्माण हुआ. इसमें आम तौर पर तीन कोचों की एक यूनिट शामिल होती है, और हर एक कोच बिल्ट-इन-इंजन से इक्विप्ड होते हैं. ईएमयू का विकास तब हुआ जब सीढ़ियों को शामिल करने के लिए संशोधन किए गए, विशेष रूप से जब स्टेशनों को सड़क के लेवल पर बनाया गया. वहीं, ईएमयू से एमईएमयू (MEMU) की शुरुआत हुई. MEMU का मतलब मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट है.


डीजल इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट (DEMU)
डेमू ट्रेनों को उन क्षेत्रों में चलाया जाता है, जहां बिजली के तार नहीं पहुंच सकते हैं. यह एक प्रकार की मल्टीपल-यूनिट ट्रेन है, जो ऑन-बोर्ड डीजल इंजन द्वारा संचालित होती है. डीएमयू को एक अलग लोकोमोटिव की आवश्यकता नहीं होती है, क्योंकि इसका इंजन गाड़ी में ही लगा होता है. डीजल द्वारा संचालित सिंगल-यूनिट रेल कारों को भी डीएमयू माना जाता है. डीजल से चलने वाली यूनिट को उनके ट्रांसमिशन प्रकार के आधार पर बांटा जा सकता है: डीजल-इलेक्ट्रिक (DEMU), डीजल-मैकेनिकल (DMMU), या डीजल-हाइड्रोलिक (DHMU).


भारतीय रेलवे की जानकारी के अनुसार, मेमू ट्रेनें जमीनी स्तर के स्टेशनों के साथ ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के लिए बनाई गई थीं, जबकि ईएमयू को शहरी और अर्ध-शहरी स्थानों के लिए तैयार किया गया था.


ट्राम और मेट्रो ट्रेनें
ट्राम और मेट्रो ट्रेनें नियमित और लोकल ट्रेनों से अलग हैं. यह शहरी परिवेश में स्पेशल सेवाएं प्रदान करते हैं. ट्राम आमतौर पर कोलकाता जैसे शहरों में चलती है और इसमें दो कोच होते हैं. ये बिजली से चलने वाला वाहन शहर की सड़कों पर बनी पटरियों पर चलता है. इस बीच, मेट्रो ट्रेनें रेपिड ट्रांसिट का एक आधुनिक रूप हैं, जो आमतौर पर दिल्ली, मुंबई और लखनऊ जैसे शहरों में पाई जाती हैं. एसी कोच, ऊंचे या अंडरग्राउंड ट्रैक और हाई-स्पीड ट्रैवल मेट्रो सिस्टम की विशेषता है. मेट्रो ट्रेनें आरामदायक और हाई-स्पीड ट्रैवल का विकल्प प्रदान करती हैं.