IAS Sriram Venkitaraman: आईएएस की सफलता की कहानियां वास्तव में प्रेरणादायक होती हैं. धैर्य और दृढ़ संकल्प की ऐसी कहानियों को पढ़ना हमें अपने चुने हुए क्षेत्र में सफलता के अपने प्रयास में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर सकता है. ऐसी ही एक स्टोरी है आईएएस टॉपर डॉ. रेणु राज की. डॉ. रेणु ने 2014 की सिविल सेवा परीक्षा में दूसरी रैंक हासिल की थी. 


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रेणु केरल के कोट्टायम की रहने वाली हैं. एक रिटायर सरकारी कर्मचारी पिता और एक हाउसवाफ मां की बेटी, रेणु ने चंगनासेरी (कोट्टायम) में सेंट टेरेसा के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पढ़ाई की है और बाद में कोट्टायम के सरकारी मेडिकल कॉलेज से अपनी मेडिकल की डिग्री हासिल की.


रेनू राज के पति भी एक आईएएस अफसर हैं. रेनू राज के पति का नाम श्रीराम वेंकटरमण है. श्रीराम 2012 बैच के आईएएस अफसर हैं. इसी साल IAS श्रीराम वेंकिटरमण को 26 जुलाई को
डीएम बनाया गया था लेकिन जनता के विरोध के चलते 1 अगस्त 2022 को उन्हें इस पद से हटा दिया गया. दरअसल IAS श्रीराम वेंकिटरमण पर आरोप है कि वह नशे में गाड़ी चला रहे थे और उनकी गाड़ी से एक पत्रकार की मौत हो गई थी. 


IAS श्रीराम वेंकिटरमण से आईएएस आईएएस रेनू राज से शादी की है. श्रीराम की यह पहली शादी थी लेकिन रेनू राज की यह दूसरी शादी है. रेनू के लिए आईएएस ऑफिसर बनना बचपन का सपना था. यह सपना हाउस सर्जेंसी के दिनों में और मजबूत हो गया जब वह समाज के अलग अलग तबकों के लोगों से मिली. उनका कहना है कि इस दौरान उन्हें जीवन की कड़वी सच्चाइयों का अहसास हुआ.


वह उस समय 27 साल की थीं और केरल के कोल्लम जिले के कल्लूवथुक्कल में एएसआई अस्पताल में एक डॉक्टर के रूप में काम कर रही थीं, जब उन्होंने आईएएस की सफलता की यह अद्भुत कहानी बनाई.


रेनू कहती हैं कि उन्होंने दिसंबर 2013 से रोजाना 3 से 6 घंटे के बीच पढ़ाई की. वह हमेशा सही खाने का ध्यान रखती थीं और 7 घंटे सोती थीं और हमेशा सही समय पर भोजन करती थी. शायद उनके मेडिकल ज्ञान ने इस मामले में उसका मार्गदर्शन किया. डॉक्टर रेनू राज की देश के लोगों की मदद करने की धारणा, चाहे वह एक डॉक्टर के रूप में हो या एक सिविल सेवक के रूप में, उनके दिमाग में बहुत साफ रही है. 


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