Aditya Thackeray:  शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने वोटिंग से पहले विरोधियों पर  शुक्रवार को जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान पार्टी के कार्यकर्ताओं को धमकाने वालों को 'बर्फ की सिल्ली पर सुलाया' जाएगा. महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्र दपोली में उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुआई वाली शिवसेना के नेता रामदास कदम और उनके बेटे व स्थानीय विधायक योगेश कदम को गद्दार करार दिया.


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राज्य के पूर्व मंत्री ठाकरे 20 नवंबर को होने वाले चुनाव से पहले दापोली में एक रैली में बोल रहे थे. उन्होंने कहा, 'यह मेरी जिम्मेदारी है कि जो कोई भी आपको (शिवसेना यूबीटी कार्यकर्ताओं को) धमकाएगा, उसे बर्फ की सिल्ली पर सुलाऊं. हमारी सरकार बनने वाली है.'


रामदास कदम ने बोला हमला


विधान परिषद में पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामदास कदम ने पलटवार करते हुए कहा कि जब वे एक ही पार्टी (अविभाजित शिवसेना) में थे तो उनका बेटा आदित्य ठाकरे का दोस्त था, लेकिन बाद में आदित्य ने दापोली में उनके करीबी लोगों को निष्कासित कर दिया. रामदास कदम ने दावा किया कि स्थानीय विधायक होने के बावजूद योगेश को दापोली नगर परिषद चुनावों के दौरान दरकिनार कर दिया गया. 


रामदास कदम ने कहा कि आदित्य ठाकरे ही गद्दार थे क्योंकि उन्होंने उनका मंत्रालय छीन लिया था. रामदास कदम देवेन्द्र फडणवीस सरकार में पर्यावरण मंत्री थे, लेकिन उन्हें बाद में उद्धव ठाकरे की अगुआई वाली सरकार में जगह नहीं मिली थी. आदित्य अपने पिता की सरकार में पर्यावरण मंत्री थे. साल 2022 में, शिवसेना के विभाजन के बाद, कदम एकनाथ शिंदे के गुट के साथ चले गए थे.


कांग्रेस ने पीएम मोदी पर बोला हमला


दूसरी ओर, कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने शुक्रवार को दावा किया कि मध्य प्रदेश में लाड़ली बहना योजना समेत प्रधानमंत्री मोदी की पांच गारंटी झूठ हैं और भारतीय जनता पार्टी इसी तरह महाराष्ट्र को भी गुमराह कर रही है. मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान को चुनौती दी कि वह लाड़ली बहना योजना का एक भी लाभार्थी बता दें जिसे 3,000 रुपये मासिक भत्ता मिल रहा हो.

 

इस वर्ष जून में, भाजपा, शिवसेना और राकांपा वाली महायुति सरकार ने ‘माझी लाडकी बहिन योजना’ की घोषणा की थी जिसके तहत 21-65 वर्ष की महिलाओं को 1,500 रुपये मासिक भत्ता दिया जाएगा और लाभार्थियों की वार्षिक पारिवारिक आय 2.5 लाख रुपये तक सीमित होनी चाहिए. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घोषणा की है कि अगर सत्तारूढ़ गठबंधन 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में सत्ता में आता है तो भत्ता बढ़ाकर 2,100 रुपये प्रति माह कर दिया जाएगा.