Maharashtra Chunav: 11 दिन पहले घोषित हो गए थे नतीजे, फिर अब बैलेट पेपर से वोट डालने पर क्यों अड़े लोग?
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Maharashtra Chunav: 11 दिन पहले घोषित हो गए थे नतीजे, फिर अब बैलेट पेपर से वोट डालने पर क्यों अड़े लोग?

Maharashtra Chunav 2024: महाराष्ट्र में 23 नवंबर को चुनावी नतीजे घोषित कर दिए गए थे, लेकिन इस बीच सोलापुर में 11 दिन बाद मंगलवार (3 दिसंबर) को फिर से बैलेट पेपर से मतदान करने पर अड़ गए और इसमें चुनाव आयोग की कोई भूमिका नहीं थी.

Maharashtra Chunav: 11 दिन पहले घोषित हो गए थे नतीजे, फिर अब बैलेट पेपर से वोट डालने पर क्यों अड़े लोग?

Solapur Unofficial Repoll: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Election) के नतीजे 23 नवंबर को घोषित हो गए थे और अब सरकार बनाने को लेकर खींचतान चल रहा है. लेकिन, इस बीच सोलापुर (Solapur) में लोग चुनावी नतीजे घोषित होने के 11 दिन बाद मंगलवार (3 दिसंबर) को फिर से बैलेट पेपर से मतदान करने पर अड़ गए. सोलापुर के लोग ईवीए की जगह बैलेट पेपर (Repoll on Ballot Paper) से वोट डालने पर अड़े रहे. हालांकि, यह मतदान अनौपचारिक था और इसमें चुनाव आयोग (ECI) की कोई भूमिका नहीं थी.

पुलिस के दखल के बाद मतदान रद्द

महाराष्ट्र के मालशिरस विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीणों का एक समूह मतपत्रों से ‘पुनर्मतदान’ कराने पर जोर दे रहा था, लेकिन पुलिस के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने मंगलवार को अपनी योजना रद्द कर दी. इस सीट से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) (राकांपा-एसपी) के विजयी उम्मीदवार ने जानकारी दी. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उन्होंने ग्रामीणों को चेतावनी दी है कि अगर वे ‘मतदान’ की अपनी योजना पर आगे बढ़े तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इससे पहले, सोलापुर जिले के मालशिरस क्षेत्र के मार्कडवाडी गांव के निवासियों ने बैनर लगाकर दावा किया था कि तीन दिसंबर को ‘पुनर्मतदान’ कराया जाएगा.

सोलापुर में बैलेट पेपर से मतदान क्यों?

महाराष्ट्र के सोलापुर में मार्कडवाडी में लोग अनौपचारिक रूप से चुनाव आयोग (ECI) के आंकड़ों को चुनौती देने के लिए मतपत्रों (Ballot Paper) के जरिए वोटिंग कराने पर अड़े थे. बताया जा रहा है कि मार्कडवाडी सोलापुर में मालशिरस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है और यहां अधिकांश मतदाता महाविकास अघाड़ी यानी एमवीए (MVA) के समर्थक हैं.

चुनावी नतीजों में एनसीपी (शरद पवार) उत्तमराव जानकर ने भाजपा के पूर्व विधायक राम सतपुते को हराया था. एमवीए उम्मीदवार की जीत हुई, लेकिन मार्कडवाडी गांव के उनके समर्थकों ने चुनाव आयोग द्वारा जारी ईवीएम गणना के आंकड़ों पर आपत्ति जताई. चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, मार्कडवाडी में भाजपा उम्मीदवार को बढ़त मिली थी. इसलिए, अब गांव के लोगों ने अनौपचारिक रूप से पुनर्मतदान का फैसला किया है.

प्रशासन ने जारी किया नोटिस

टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार सोलापुर के मार्कडवाडी में अनौपचारिक मतदान से एक दिन पहले सोमवार (2 दिसंबर) को प्रशासन ने कुछ ग्रामीणों को इस प्रक्रिया से दूर रहने के लिए नोटिस जारी किया, क्योंकि इससे क्षेत्र में तनाव पैदा हो सकता है. सोमवार को वहां पुलिस बल तैनात किया गया था. इस बारे में सोलापुर के एसपी अतुल कुलकर्णी ने बताया कि प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए एहतियात के तौर पर नोटिस जारी किए हैं. प्रशासन ग्रामीणों से बात कर रहा है ताकि उन्हें कानून और व्यवस्था की स्थिति पैदा करने वाले किसी भी कदम से बचने के लिए राजी किया जा सके.

किसको कितने वोट मिले?

रिपोर्ट के अनुसार, गांव के एक व्यक्ति रंजीत मार्कड ने बताया, 'हमारे गांव में 2000 से ज्यादा मतदाता हैं, जिनमें से 1900 ने 20 नवंबर को वोट दिया था. हमारे गांव ने हमेशा उत्तमराव जानकर और मोहिते पाटिल परिवार का समर्थन किया है. लेकिन, इस चुनाव में जनकर को 843 वोट मिले, जबकि हमारे गांव से सतपुते को 1003 वोट मिले. हम चुनाव आयोग के इस डेटा पर भरोसा नहीं करते. इसलिए, हमने वोटों के बंटवारे का सबूत पाने के लिए 3 दिसंबर को बैलेट पेपर पर मतदान का आयोजन किया है.'

क्राउडफंडिंग के जरिए वोट करा रहे गांव के लोग

एमवीए समर्थकों ने कहा कि उन्होंने वास्तविक चुनाव में मालशिरस सीट पर चुनाव लड़ने वाले सभी उम्मीदवारों के नाम और फोटो वाले मतपत्रों की छपाई के लिए क्राउडफंडिंग की. उन्होंने सभी ग्रामीणों से मतपत्रों के माध्यम से अपना वोट डालने की अपील करते हुए बैनर लगाए हैं. एक अन्य निवासी अमित वाघमोर ने कहा, 'हम पूरी प्रक्रिया का पालन करने का इरादा रखते हैं और हमने सभी ग्रामीणों से इसमें भाग लेने की अपील की है.' प्रक्रिया की निगरानी के लिए कुछ सरकारी अधिकारियों को नियुक्त करने के लिए तहसीलदार से किया गया, लेकिन उनका अनुरोध अस्वीकार कर दिया गया है.

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