Arvind Kejriwal Resignation: अरविंद केजरीवाल दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री के रूप में आज पद छोड़ने जा रहे हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि दिल्‍ली में उनके इस्‍तीफे का असर हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी होगा. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक खुद को दिल्ली से अलग करते हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में सक्रिय हो जाएंगे. केजरीवाल 9 साल से दिल्ली में सरकार चला रहे थे. हालांकि, 9 साल की सरकार के दौरान उनका टकराव लगातार उपराज्यपाल से होता रहा. हरियाणा विधानसभा चुनाव में केजरीवाल इसे मुद्दा बना सकते हैं. साथ ही केजरीवाल के आने से भाजपा-कांग्रेस को भी झटका लग सकता है. क्योंकि, वह अब दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर हरियाणा चुनाव में नहीं आ रहे हैं, बल्कि, सीएम की कुर्सी को छोड़कर जनता के बीच में आ रहे हैं. कहा जा रहा है कि केजरीवाल का यह दांव हरियाणा चुनाव में असर डाल सकता है. 


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हरियाणा का लाल
मौजूदा समय में हरियाणा में भाजपा-कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक दल लगातार चुनाव प्रचार कर रहे हैं. हरियाणा में भाजपा, कांग्रेस के पास बड़े चेहरे हैं. लेकिन, आम आदमी पार्टी के पास दिल्ली, पंजाब की तुलना में हरियाणा में कोई बड़ा चेहरा नहीं है जो उनके कार्यकर्ताओं में जोश भर सके. ऐसे में अरविंद केजरीवाल हरियाणा में आम आदमी पार्टी के लिए वह चेहरा बन सकते हैं, जिनकी एंट्री से कार्यकर्ताओं में जोश हाई हो जाएगा. दिल्ली के कथित शराब घोटाला मामले में जेल में रहे अरविंद केजरीवाल की अनुपस्थिति में उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल ने पार्टी की कमान संभाली थी. उन्होंने हरियाणा में कई चुनावी सभाएं की. केजरीवाल की गारंटी लोगों के बीच में लेकर गईं. कई मौकों पर वह भावुक भी हुईं. सुनीता की चुनावी सभा में भारी संख्या में लोग भी जुटे. सुनीता ने चुनावी सभाओं में अपने पति को शेर बताया. चूंकि, केजरीवाल हरियाणा से आते हैं. इसलिए उन्हें हरियाणा का लाल भी सुनीता ने कहा था.


केजरीवाल को तिहाड़ जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद हरियाणा आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने हाल ही में कहा था कि अरविंद केजरीवाल के जेल से बाहर आने के बाद से कार्यकर्ताओं में जोश बढ़ गया है. केजरीवाल हरियाणा के चुनाव में पार्टी की कमान संभालेंगे. सवाल यह है कि केजरीवाल के हरियाणा विधानसभा चुनाव में उतरने से क्या पार्टी को फायदा होगा.


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कितना होगा फायदा?
केजरीवाल आम आदमी की नब्ज अच्छे से समझते हैं. अपनी बातों के माध्यम से वह निचले पायदान पर खड़े व्यक्ति के मन तक आसानी से पहुंच जाते हैं. उन्होंने यह काम दिल्ली और पंजाब में करके दिखाया है. दिल्ली में 2015, 2019 के विधानसभा चुनावों में उन्होंने पूर्ण बहुमत पाकर सरकार बनाई. पंजाब में पार्टी को मजबूत किया. पंजाब में पूर्ण बहुमत वाली आम आदमी पार्टी की सरकार है. अब केजरीवाल की नजर हरियाणा पर है. हालांकि, हरियाणा में आम आदमी पार्टी का जनाधार दिल्ली, पंजाब की तुलना में मजबूत नहीं है. लेकिन, केजरीवाल दिल्ली से सटे, फरीदाबाद, गुरुग्राम, करनाल, सोनीपत, पानीपत में पड़ने वाली विधानसभाओं में असर डाल सकते हैं. पार्टी पिछले विधानसभा की तुलना में यहां मजबूत हुई है और समय-समय पर यहां पार्टी का विस्तार भी हुआ है.


हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी के नेता संदीप पाठक ने कहा कि हरियाणा में अगले 15 दिनों तक हमारे कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर ज़बरदस्त मेहनत करेंगे. हमारे कार्यकर्ता गांव-गांव और घर-घर जाकर प्रदेश की जनता को बताएंगे कि इस बार अरविंद केजरीवाल को मौका देकर देखिए. अगर आपको लगता है कि वे काम करेंगे, तो इस बार आम आदमी पार्टी को वोट दीजिए.


5 अक्टूबर को हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा. आम आदमी पार्टी सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है. 8 अक्टूबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे.


(इनपुट: एजेंसी आईएएनएस के साथ)