Jammu Kashmir Chunav Result 2024: जम्मू-कश्मीर के रिजल्ट आने लगे हैं. सीटों पर हार-जीत की भी घोषणा होने लगी है. जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-एनसी गठबंधन जीत की ओर बढ़ता दिख रहा है. इस गठबंधन ने बहुमत का जादुई आंकड़ा पार कर लिया है. चुनाव आयोग की वेबसाइट ने भी कांग्रेस-एनसी गठबंधन को बहुमत दे दिया है. इसी बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता नजीर अहमद खान लगातार चौथी बार गुरेज विधानसभा सीट से जीत गए हैं. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के फकीर मोहम्मद खान को 1,132 मतों के अंतर से हराया है.


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नजीर ने फकीर को हराया
निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के मुताबिक, नजीर अहमद खान ने फकीर मोहम्मद खान को हराया है. नजीर अहमद खान 2002, 2008 और 2014 में भी इस सीट से निर्वाचित हुए थे जबकि फकीर मोहम्मद खान ने 1996 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल की थी.


Gurez Election Result : गुरेज से नेशनल कॉफ्रेंस प्रत्याशी नजीर अहमद खान चुनाव जीते
गुरेज विधानसभा सीट से जम्मू एण्ड कश्मीर नेशनल कॉफ्रेंस प्रत्याशी नजीर अहमद खान चुनाव जीत गए हैं. नजीर को कुल 8378 वोट मिले. वह 1132 मर्जिन से चुनात जीत गए हैं. दूसरे नंबर पर बीजेपी प्रत्याशी फकीर मोहम्मद खान रहे, जिन्हें 7246 वोट मिले. डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी के निसार अहमद लोन 1966 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे। चौथे नंबर पर नोटा को 150 वोट मिले। जम्मू एण्ड कश्मीर पीपुल्स कांफ्रेस प्रत्याशी नोटा से भी पीछे रहे।


Gurez Assembly Election Result : गुरेज से जीत के बाद क्या बोले नजीर अहमद
गुरेज विधानसभा से नेशनल कांफ्रेंस के उम्मीदवार नजीर अहमद ने जीत पर कहा, 'मैं उन लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने कड़ी मेहनत की। मेरे पास कोई पैसा या संसाधन नहीं था... यह हार सिर्फ भाजपा की नहीं बल्कि पीएम मोदी की है.


नजीर 2014 में 100 वोटों से जीते थे चुनाव
इसके पहले जम्मू-कश्मीर विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष नजीर अहमद खान ने 2014 के चुनाव में लगभग 100 मतों के मामूली अंतर से जीत हासिल की थी. 


जम्मू-कश्मीर की सबसे छोटी विधानसभा
ठीक नियंत्रण रेखा के समीप स्थित गुरेज जम्मू-कश्मीर का सबसे छोटा निर्वाचन क्षेत्र है और यह सीट अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित है. घाटी में भाजपा का खाता खोलने की उम्मीद के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यहां एक रैली को संबोधित किया था. 


आतंक की आग में 30 साल तक झुलसा गुरेज
खूबसूरत वादियों के बीच घिरे जम्मू-कश्मीर का गुरेज शहर अपनी दिलकश गुरेज घाटी के लिए पहचानी जाती है. इसे गुरैस के नाम से भी जाना जाता है. 3 दशक से भी लंबे समय तक आतंकवाद की आग में झुलसने वाली इस खूबसूरत घाटी में अब अमन और चैन देखा जा सकता है. अप्रैल-मई में कराए गए लोकसभा चुनाव में घाटी में पिछले कई दशक के बाद भारी वोटिंग देखी गई. अब यहां पर विधानसभा चुनाव में भी खासा उत्साह दिखा और 64 फीसदी वोट डाले गए. गुरेज सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है.


गुरेज सीट का इतिहास
रिजर्व गुरेज सीट साल 1996 में अस्तित्व में आई थी. 2024 से पहले यहां पर 4 बार विधानसभा चुनाव कराए गए. 1996 में निर्दलीय प्रत्याशी के खाते में पहली जीत आई. लेकिन साल 2002 के चुनाव में जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इस सीट पर अपना कब्जा जमा लिया. पार्टी के टिकट पर नाजिर अहमद खान गुरेजी ने जीत हासिल की. उन्होंने 2008 और 2014 के चुनाव में लगातार जीत हासिल करते हुए जीत की हैट्रिक भी लगाई.