जम्मू-कश्मीर में चुनाव से सियासी पारा हाई, इन चार हॉट सीटों पर टिकी हैं सबकी नजरें, जानें किसके बीच है मुकाबला?
Jammu-Kashmir Hot Seats: पहले चरण में कश्मीर घाटी की 16 और जम्मू संभाग की 8 सीटों पर वोट डाले गए. लेकिन हर किसी की नजर चार हॉट सीट बिजबिहाड़ा, किश्तवाड़, डूरू और पुलवामा पर टिकी हुई है. आइए समझते हैं इन चार सीटों पर किसकी राहें कितनी आसान रहने वाली हैं.
Jammu-Kashmir Election 2024: जम्मू कश्मीर में दस साल बाद बुधवार को विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 24 सीटों पर वोट डाले गए. पहले चरण में कश्मीर घाटी की 16 और जम्मू संभाग की 8 सीटों पर वोट डाले गए. लेकिन हर किसी की नजर चार हॉट सीट बिजबिहाड़ा, किश्तवाड़, डूरू और पुलवामा पर टिकी हुई है. आइए समझते हैं इन चार सीटों पर किसकी राहें कितनी आसान रहने वाली हैं.
बिजबिहाड़ा
जम्मू कश्मीर की चर्चित सीट बिजबिहाड़ा से जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती चुनाव लड़ रही हैं. इस सीट को मुफ्ती परिवार का गढ़ माना जाता रहा है. इस सीट से मुफ्ती परिवार की तीसरी पीढ़ी चुनाव लड़ रही है तो दूसरी तरफ भाजपा की ओर से सोफी मोहम्मद यूसुफ चुनाव लड़ रहे हैं. इसके अलावा नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन की तरफ से बशीर अहमद शाह वीरी उम्मीदवार हैं. पिछले चुनाव में महबूबा मुफ्ती की पार्टी ने यहां से जीत दर्ज की थी.
किश्तवाड़
भाजपा ने इस सीट से आतंकी हमले में पिता-चाचा को खोने वाली शगुन परिहार को मैदान में उतारा है. शगुन भाजपा नेता रहे अनिल परिहार की भतीजी हैं. नवंबर 2018 में आतंकियों ने शगुन के पिता और चाचा की हत्या कर दी थी. इस सीट पर शगुन परिहार का मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन के सज्जाद अहमद किचलू और पीडीपी के फिरदौस अहमद टाक से है. पिछले चुनाव में भाजपा ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी.
डूरू
अनंतनाग जिले की डूरू सीट से कांग्रेस के टिकट पर गुलाम अहमद मीर चुनाव लड़ रहे हैं. वह इस सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं. गुलाम अहमद मीर का मुकाबला पीडीपी उम्मीदवार मोहम्मद अशरफ मलिक से है. पिछले चुनाव में इस सीट से पीडीपी के सैयद फारूक अहमद अंद्राबी ने जीत दर्ज की थी.
पुलवामा
इस सीट से पीडीपी ने वहीद उर रहमान पारा को मैदान में उतारा है. उनका मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस के मोहम्मद खलील बंद से है. पिछले चुनाव में इस सीट से खलील बंद ने जीत दर्ज की थी. खलील बंद पीडीपी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं, साल 2019 में उन्होंने पीडीपी से इस्तीफा देकर नेशनल कॉन्फ्रेंस का दामन थाम लिया था.