Jammu Kashmir Election News: जम्मू-कश्मीर में इस बार के विधानसभा चुनाव खास होने वाले हैं. क्योंकि वेस्ट पाकिस्तान रिफ्यूजी समाज के लोग पहली बार इस चुनाव में वोट डालेंगे. ये लोग 1947 में भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद जम्मू-कश्मीर में आकर बसे थे, लेकिन उन्हें नागरिक अधिकार नहीं दिए गए थे. वे लोकसभा चुनाव में तो वोट डाल सकते थे, लेकिन राज्य के चुनावों में नहीं. उनके पास जम्मू-कश्मीर की सरकारी योजनाओं का फायदा उठाने या सरकारी नौकरी पाने का अधिकार भी नहीं था.


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पहली बार मिला वोट डालने का अधिकार


5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटने के बाद उनकी स्थिति बदली. अब उन्हें जम्मू-कश्मीर में रहने का अधिकार मिला है. वे सरकारी योजनाओं का फायदा उठा सकते हैं. अपनी जमीन के मालिक भी माने जाते हैं. अब जब जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, वे पहली बार अपने वोट का अधिकार उपयोग कर पाएंगे.


वेस्ट पाकिस्तान रिफ्यूजी समाज


ज़ी मीडिया की टीम ने जम्मू के आरएस पुरा इलाके का दौरा किया. जो भारत-पाकिस्तान सीमा के पास स्थित है और जहां वेस्ट पाकिस्तान रिफ्यूजी समाज के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं. वहां के लोग बहुत खुश और उत्साहित हैं. उन्होंने बताया कि वे पहली बार विधानसभा चुनाव में वोट डालेंगे. कई लोग अपने डोमिसाइल सर्टिफिकेट और वोटर आईडी कार्ड लेकर आए और यह बताते हुए भावुक हो गए कि उन्होंने वर्षों के संघर्ष के बाद यह दिन देखा है.


डेढ़ लाख लोग वोट डालने के योग्य


इस समाज के करीब 23,000 परिवार जम्मू-कश्मीर में रहते हैं. जिनमें लगभग डेढ़ लाख लोग वोट डालने के योग्य हैं. वे पहली बार विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेंगे, और यह उनके लिए एक बड़ा दिन होगा.


अब वे अपनी जमीन के मालिक..


इस बदलाव के लिए ये लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त कर रहे हैं. उनका कहना है कि डोमिसाइल सर्टिफिकेट ने उनके जीवन को बदल दिया है. अब वे अपनी जमीन के मालिक हैं और सरकारी योजनाओं का लाभ भी उठा सकते हैं.


जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़


वेस्ट पाकिस्तान रिफ्यूजी समाज के इस संघर्ष और उनके अधिकारों की बहाली के बाद, इस बार का विधानसभा चुनाव जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा.