वक्त बदला...हालात बदले: UP में सपा-कांग्रेस मुख्यालय में बजे ढोल-नगाड़े, बीजेपी ऑफिस में पसरा सन्नाटा
लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों की पिक्चर अब लगभग साफ गई है. अब तक के रुझानों के मुताबिक NDA लगभग 290 सीटों के आसपास बढ़त बनाए हुए हैं तो वहीं, इंडिया गठबंधन 232 सीटों पर आगे चल रही है.
2024 lok sabha election result: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों की पिक्चर अब लगभग साफ गई है. अब तक के रुझानों के मुताबिक भाजपा 242 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि गठबंधन के साथ NDA लगभग 290 सीटों के आसपास बढ़त बनाए हुए हैं. वहीं, विपक्ष के लिए खुशी की लहर है. पिछले 10 सालों में पहली कांग्रेस ने 100 का आंकड़ा पार किया है. कांग्रेस की इंडिया गठबंधन अभी तक के रुझानों में 232 सीटों पर आगे चल रही है. भले ही इंडिया गठबंधन बहुमत आंकड़े को पार नहीं कर पाई है, लेकिन वह अपने प्रदर्शन से काफी खुश है.
बीजेपी को सबसे बड़ा झटका उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र से मिला है. यूपी को अपना गढ़ मानने वाली बीजेपी यहां आधी से ज्यादा सीटों पर पीछे चल रही है, जिसकी वजह से प्रदेश में भाजपा का राज्य मुख्यालय सुनसान नजर. सारा ध्यान समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस कार्यालयों पर केंद्रित हो गया, जहां जश्न मनाया जाने लगा. चुनाव में पार्टी के अच्छे प्रदर्शन का जश्न मनाने के लिए कई पार्टी कार्यकर्ता समाजवादी पार्टी कार्यालय में उपस्थित हुए. पार्टी कार्यकर्ताओं ने मिठाइयां बांटी और जमकर ढोल-नगाड़े बजे.
पार्टी कार्यालय पहुंचे वरिष्ठ सपा नेता उदय वीर सिंह ने कहा हम चुनाव जीत रहे हैं. हमें पार्टी नेता ने एहतियात के तौर पर मतगणना केंद्र पर रहने के लिए कहा है. वहीं, लखनऊ में कांग्रेस कार्यालय में भी जश्न मनाया गया. पार्टी के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन का जश्न मनाने के लिए कार्यालय में इकट्ठा हुए.
बीजेपी ऑफिस में पसरा सन्नाटा
मतगणना के दिन अनुकूल नतीजों की उम्मीद करते हुए, लखनऊ में भाजपा कार्यालय बड़े मंगल की तैयारियों के साथ जश्न के लिए सजाया गया था. लेकिन, जैसे ही नतीजे आने शुरू हुए, टीवी स्क्रीन पर एनडीए और इंडिया ब्लॉक के बीच कड़ी लड़ाई दिखाई देने लगी, कोई भी वरिष्ठ भाजपा नेता पार्टी कार्यालय में नहीं आया. हालांकि, जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, भाजपा कार्यालय पर लोग जमा होने लगे. लेकिन लोगों में उत्साह बिलकुल भी नहीं था, क्योंकि अनुमानित संख्या की तुलना में सीटों की संख्या कम हो गई थी और कार्यालय में सन्नाटा छा गया था.