Azamgarh Lok Sabha Election 2024: आजमगढ़ में नहीं खिला कमल, सपा के दिनेश यादव ने कर दिया कमाल
Azamgarh Lok Sabha Chunav 2024 News: पूर्वी यूपी की आजमगढ़ लोकसभा सीट हाई प्रोफाइल मानी जाती है. यहां से यूपी के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव जीते थे. उपचुनाव में भाजपा ने दिनेश लाल यादव निरहुआ को उतारकर बाजी पलट दी। इस बार फिर भाजपा ने निरहुआ को टिकट दिया है.
Azamgarh Lok Sabha Election 2024: आजमगढ़, नाम तो सुना होगा! मशहूर शायर और फिल्म गीतकार कैफी आजमी का जन्म यहीं पर हुआ था. इसके अलावा आजमगढ़ बदनाम भी रहा. डॉन अबू सलेम का कनेक्शन यूपी के आजमगढ़ से ही है. राजनीति की बात करें तो मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव यहां से सांसद रहे हैं. अगर आप अब तक के लोकसभा चुनाव देखें तो सबसे ज्यादा बार यहां से यादव कैंडिडेट जीते हैं. सपा का मुस्लिम-यादव समीकरण यहां फिट बैठता है. इस बार अखिलेश यादव पीडीए फॉर्मूले पर चुनाव लड़ रहे हैं. इधर भाजपा ने पहली ही लिस्ट में आजमगढ़ से दिनेश लाल यादव निरहुआ (Dinesh Lal Yadav Nirahua) का ऐलान कर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है.
आजमगढ़ लोकसभा चुनाव 2024 रिजल्ट
यहां छठे चरण में 25 मई को वोटिंग हुई. कुल 56.16 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. नतीजे 4 जून को आएंगे.
पार्टी | उम्मीदवार | जीत/हार |
BJP | दिनेश लाल यादव निरहुआ | |
सपा | धर्मेंद्र यादव |
सपा ने आजमगढ़ से धर्मेंद्र यादव (Dharmendra Yadav Azamgarh) को उतारा है. इससे पहले आजमगढ़ की मुबारकपुर सीट से दो बार बसपा से विधायक रहे गुड्डू जमाली सपा में आ गए. उन्होंने मोदी लहर के बावजूद 2014 और 2022 के उपचुनाव में सपा और भाजपा को कड़ी टक्कर दी थी. उनकी इलाके में अच्छी पकड़ है. मुस्लिम वोटर्स ने एकजुट उन्हें वोट किया था. अब सपा इस सीट पर ज्यादा कॉन्फिडेंट दिख रही है.
कौन हैं दिनेश लाल निरहुआ
- आजमगढ़ से वर्तमान सांसद दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' भोजपुरी सिनेमा जगत का एक बड़ा नाम हैं.
- वह गायक हैं और अभिनेता भी. पूर्वांचल यूपी और बिहार में उनके लाखों फॉलोअर्स हैं.
- भाजपा को भरोसा है कि निरहुआ इस बार भी आजमगढ़ से जीत का डंका बजाएंगे.
- चुनाव की घोषणा से ठीक पहले 10 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आजमगढ़ पहुंचे थे.
2019 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने भाजपा के निरहुआ को हराकर सीट जीती थी. पिछली बार सपा और बसपा का गठबंधन था. हालांकि जब विधायक बनने के बाद अखिलेश ने यहां से इस्तीफा दे दिया तो उपचुनाव में सपा के धर्मेंद्र यादव आजमगढ़ सीट नहीं बचा पाए.
1952 | अलगू राय शास्त्री | कांग्रेस |
1957 | कालिका सिंह | कांग्रेस |
1962 | राम हरख यादव | कांग्रेस |
1967 | चन्द्रजीत यादव | कांग्रेस |
1971 | चन्द्रजीत यादव | कांग्रेस |
1977 | रामनरेश यादव | जनता पार्टी |
1978 | मोहसिना किदवई | कांग्रेस (आई) |
1980 | चंद्रजीत यादव | जनता पार्टी (सेक्युलर) |
1984 | संतोष सिंह | कांग्रेस |
1989 | राम कृष्ण यादव | बसपा |
1991 | चन्द्रजीत यादव | जनता दल |
1996 | रमाकांत यादव | सपा |
1998 | अकबर अहमद | बसपा |
1999 | रमाकांत यादव | समाजवादी पार्टी |
2004 | रमाकांत यादव | बसपा |
2008 | अकबर अहमद | बसपा |
2009 | रमाकांत यादव | भाजपा |
2014 | मुलायम सिंह यादव | सपा |
2019 | अखिलेश यादव | सपा |
2022 | दिनेश लाल यादव | भाजपा |
देश की प्रमुख लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की लिस्ट देखिए
आजमगढ़ लोकसभा में पांच विधानसभाएं आती हैं और इस समय सभी पर सपा के विधायक हैं.
मुस्लिम और यादव समीकरण
जातिगत समीकरण देखें तो आजमगढ़ लोकसभा सीट पर यादव वोटर सबसे ज्यादा हैं. ये करीब 26 फीसदी हैं. इसके बाद मुस्लिम करीब 24 फीसदी हैं. इन्हीं के गठजोड़ से सपा आसानी से जीत हासिल करती रही है लेकिन उपचुनाव में लोगों ने निरहुआ को जिता दिया था. दूसरी तरफ करीब 20 फीसदी दलित वोटर अगर मुस्लिम वोटबैंक के साथ जाते हैं तो बसपा फाइट में पहुंच जाती है. भाजपा सवर्ण, पिछड़ा और दलित वोटर के साथ-साथ यादवों के एक तबके से जीती है.