आजमगढ़, नाम तो सुना होगा! मशहूर शायर और फिल्म गीतकार कैफी आजमी का जन्म यहीं पर हुआ था. इसके अलावा आजमगढ़ बदनाम भी रहा. डॉन अबू सलेम का कनेक्शन यूपी के आजमगढ़ से ही है. राजनीति की बात करें तो मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव यहां से सांसद रहे हैं. अगर आप अब तक के लोकसभा चुनाव देखें तो सबसे ज्यादा बार यहां से यादव कैंडिडेट जीते हैं. सपा का मुस्लिम-यादव समीकरण यहां फिट बैठता है. इस बार अखिलेश यादव पीडीए फॉर्मूले पर चुनाव लड़ रहे हैं. इधर भाजपा ने पहली ही लिस्ट में आजमगढ़ से दिनेश लाल यादव निरहुआ (Dinesh Lal Yadav Nirahua) का ऐलान कर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है.जातिगत समीकरण देखें तो आजमगढ़ लोकसभा सीट पर यादव वोटर सबसे ज्यादा हैं. ये करीब 26 फीसदी हैं. इसके बाद मुस्लिम करीब 24 फीसदी हैं. इन्हीं के गठजोड़ से सपा आसानी से जीत हासिल करती रही है लेकिन उपचुनाव में लोगों ने निरहुआ को जिता दिया था. दूसरी तरफ करीब 20 फीसदी दलित वोटर अगर मुस्लिम वोटबैंक के साथ जाते हैं तो बसपा फाइट में पहुंच जाती है. भाजपा सवर्ण, पिछड़ा और दलित वोटर के साथ-साथ यादवों के एक तबके से जीती है.
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