Badaun Lok Sabha Chunav Results 2024 Latests News: बदायूं यूपी की उन गिनी- चुनी सीटों में शामिल है, जहां पर मुस्लिम और यादव मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है. यही वजह है कि इसे सपा के मजबूत दुर्ग का खिताब भी दिया जाता है. वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में सपा 80 में से केवल 5 सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई थी. उन पांच सीटों में से एक बदायूं की सीट भी थी. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सपा के लिए यह कितनी अहम सीट है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बदायूं लोकसभा चुनाव रिजल्ट 2024


बदायूं यूपी की उन गिनी- चुनी सीटों में शामिल है, जहां पर मुस्लिम और यादव मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है. यही वजह है कि इसे सपा के मजबूत दुर्ग का खिताब भी दिया जाता है. यहां पर यादव बिरादरी का बोलबला है. उनकी तादाद करीब 4 लाख बताई जाती है. इतनी ही संख्या मुस्लिम वोटर्स की भी बताई जाती है. 


सपा के लिए भाग्यशाली रहे सलीम शेरवानी


बदायूं लोकसभा सीट पर 1952 से लेकर 1995 तक कांग्रेस, जनसंघ, जनता पार्टी, बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. लेकिन सपा ने 1996 में यह विजय रथ भंग कर दिया और सलीम इकबाल शेरवानी पहली बार साइकल चिह्न पर यहां से इलेक्शन जीते. इसके बाद वे लगातार 4 बार यहां से सांसद बने. वर्ष 2009 में मुलायम सिंह यादव ने टिकट बदलकर अपने भतीजे धर्मेंद्र यादव को दे दिया, जिन्होंने भी सपा का विजय रथ जारी रखा और लगातार 10 साल सांसद रहे. हालांकि लंबी कोशिशों के बाद बीजेपी ने आखिरकार 2019 में इस सीट पर साइलक को पंक्चर करने में कामयाबी पा ही ली और संघमित्र मौर्य यहां से बीजेपी सांसद बने. 


भाई का टिकट काटकर चाचा को दिया


इस सीट पर सपा ने शुरुआत में धर्मेंद्र यादव का नाम घोषित किया था. लेकिन बाद में उनका टिकट काटकर शिवपाल यादव को दे दिया गया है. जबकि बीजेपी- बसपा ने अभी टिकट घोषित नहीं किया है. माना जा रहा है कि पिछले 15 सालों की तरह इस बार भी चुनावी जंग बीजेपी और सपा में ही देखने को मिलेगी. 


बदायूं लोकसभा सीट के जातीय समीकरण


इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 19 लाख है. बदायूं के जातीय समीकरणों की बात की जाए तो यहां पर यादव बिरादरी का बोलबला है. उनकी तादाद करीब 4 लाख बताई जाती है. इतनी ही संख्या मुस्लिम वोटर्स की भी बताई जाती है. इन दोनों का जबरदस्त कॉम्बिनेशन किसी को भी हार या जीत दिलाने में अहम भूमिका अदा करता है. इसके साथ ही ढाई लाख गैर- यादव ओबीसी वोटर, 2 लाख एससी, डेढ़ लाख वैश्य और इतने ही ब्राह्मण वोटर हैं. MY गठबंधन बनने पर दूसरी जातियां बीजेपी के पीछे गोलबंद हो जाती हैं. पिछली बार इसी गोलबंदी की वजह से बीजेपी इस सीट पर कमल खिलाने में कामयाब रही थी. 


बीजेपी-सपा में शह मात का खेल


बदायूं लोकसभा क्षेत्र में पांच असेंबली सीटें शामिल हैं. इनमें बदायूं, बिल्सी, सहसवान, गुन्नौर और बिसौली (एससी) शामिल हैं. इनमें से 3 पर सपा और 2 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. 


बदायूं का इतिहास


बदायूं गंगा और रामगंगा नदी के बीच बसा ऐतिहासिक शहर है. कहते हैं कि इस शहर का नाम सम्राट अशोक से जुड़ा हुआ है. इतिहासकारों के मुताबिक सम्राट अशोक ने वहां बुद्ध विहार और किला बनवाया था, जिसको उन्होंने बुद्ध्माऊ कहा. बाद में यही शब्द बिगड़कर बदायूं हो गया. यह शहर रोहिलखंड के मध्य में बसा है, जिसकी वजह से इसे रुहेलखंड का दिल भी कहा जाता है. विदेशी हमलावार इल्तुतमिश ने जब भारत पर हमला किया तो 4 साल तक बदायूं को अपनी राजधानी बनाया था. 


लोकसभा क्षेत्र का चुनावी इतिहास


वर्ष विजेता पार्टी
2019 संघमित्रा मौर्य बीजेपी
2014 धर्मेंद्र यादव सपा
2009 धर्मेंद्र यादव सपा
2004 सलीम इकबाल शेरवानी सपा
1999 सलीम इकबाल शेरवानी सपा

बदायूं लोकसभा चुनाव 2024


पार्टी उम्मीदवार मिले वोट रिजल्ट
बीजेपी      
सपा शिवपाल यादव    
बसपा      
अन्य