बदायूं यूपी की उन गिनी- चुनी सीटों में शामिल है, जहां पर मुस्लिम और यादव मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है. यही वजह है कि इसे सपा के मजबूत दुर्ग का खिताब भी दिया जाता है. वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में सपा 80 में से केवल 5 सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई थी. उन पांच सीटों में से एक बदायूं की सीट भी थी. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सपा के लिए यह कितनी अहम सीट है. बदायूं लोकसभा क्षेत्र में पांच असेंबली सीटें शामिल हैं. इनमें बदायूं, बिल्सी, सहसवान, गुन्नौर और बिसौली (एससी) शामिल हैं. इनमें से 3 पर सपा और 2 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 19 लाख है. बदायूं के जातीय समीकरणों की बात की जाए तो यहां पर यादव बिरादरी का बोलबला है. उनकी तादाद करीब 4 लाख बताई जाती है. इतनी ही संख्या मुस्लिम वोटर्स की भी बताई जाती है. इन दोनों का जबरदस्त कॉम्बिनेशन किसी को भी हार या जीत दिलाने में अहम भूमिका अदा करता है. इसके साथ ही ढाई लाख गैर- यादव ओबीसी वोटर, 2 लाख एससी, डेढ़ लाख वैश्य और इतने ही ब्राह्मण वोटर हैं. MY गठबंधन बनने पर दूसरी जातियां बीजेपी के पीछे गोलबंद हो जाती हैं. पिछली बार इसी गोलबंदी की वजह से बीजेपी इस सीट पर कमल खिलाने में कामयाब रही थी.
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