Barmer Lok Sabha Chunav Result 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है. ऐसे में तमाम पार्टियां कमर कस चुकी हैं और हर बारीक चीज पर ध्यान देने में जुटी हैं. राजस्थान में 25 लोकसभा सीटें हैं, जिन पर कड़ा मुकाबला है. इन्हीं सीटों में एक है बाड़मेर, जो एक जनरल कैटेगरी की सीट है. इस लोकसभा क्षेत्र में पूरा बाड़मेर जिला और जैसलमेर का कुछ हिस्सा आता है. यह क्षेत्रफल के हिसाब से दूसरा सबसे बड़ी लोकसभा सीट है, जो यूरोप के देश बेल्जियम से दोगुना है.


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 जैसलमेर और बाड़मेर भारत के तीसरे और पांचवें सबसे बड़े जिले हैं और दोनों ही इसी लोकसभा सीट के तहत आते हैं. इस लोकसभा क्षेत्र में 8 विधानसभा सीटें हैं, जिसमें जैसलमेर जिले की जैसलमेर, शिव, बाड़मेर, बायतु और बाड़मेर जिले की पचपद्र, सिवाना, गुड़ा मालानी और चौहटन है.  


बाड़मेर लोकसभा चुनाव रिजल्ट


अटल बिहारी वाजपेयी के 'हनुमान' कहे जाने वाले पूर्व रक्षा मंत्री जसवंत सिंह ने साल 2014 में बीजेपी के बागी उम्मीदवार के तौर पर इस सीट से चुनाव लड़ा था. उनके बेटे मानवेंद्र सिंह भी कई बार इस सीट से चुनाव लड़ चुके हैं. इस लोकसभा क्षेत्र में साक्षरता दर 45.7 प्रतिशत है. बीजेपी ने अपने मौजूदा सांसद कैलाश चौधरी को इस बार भी टिकट दिया है. कांग्रेस ने उम्मेदा राम बेनिवाल को उतारा है. इस सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर रविंद्र सिंह भाटी भी खड़े हैं.


बाड़मेर सीट की कुछ खास बातें


इस सीटों पर जाटों, SC और राजपूतों का दबदबा है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक इस सीट पर अनुसूचित वोटर्स की आबादी 320,759 है यानी 16.6 प्रतिशत. जबकि अनुसूचित जनजाति की आबादी है 131,395, जो क्षेत्र की आबादी का 6.8 प्रतिशत है. वोटर लिस्ट के मुताबिक, क्षेत्र में मुस्लिम वोटर्स की आबादी 160,511 है यानी 8.3 प्रतिशत. बाड़मेर लोकसभा क्षेत्र में ग्रामीण आबादी 1,771,906 है और शहरी आबादी 160,380. 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान इस सीट पर कुल वोटर्स की संख्या 1932286 है. पिछले आम चुनावों में इस सीट पर 73 फीसदी वोटिंग हुई थी. जबकि साल 2018 के विधानसभा चुनावों में 78.1 फीसदी. 


बाड़मेर सीट पर क्या है जातिगत समीकरण


जैसा कि हमने ऊपर बताया कि अनुसूचित जाति, राजपूत और जाट इस सीट पर दबदबा रखते हैं. जाटों की तादाद 18.75 प्रतिशत, अनुसूचित जाति की आबादी 16.6 प्रतिशत और राजपूत वोटर्स की संख्या 12.5 प्रतिशत है. मुस्लिम 8.3 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति 6.8 प्रतिशत, बौद्ध 0.01 प्रतिशत और सिख 0.05 प्रतिशत है. 


किसको कितने वोट मिले.


साल 2004 में बीजेपी के मानवेंद्र सिंह को 631.851 वोट मिले तो कांग्रेस के सोना राम चौधरी को 3,59963 वोटों से संतोष करना पड़ा. 2009 के चुनाव में हरीश चौधरी को 4,16,497 वोट मिले जबकि मानवेंद्र सिंह 297,391 वोट ही हासिल कर पाए. 2014 के लोकसभा चुनाव की मोदी लहर में बीजेपी के सोना राम ने निर्दलीय खड़े हुए जसवंत सिंह को मात दे दी. सोना राम को 4,88,747 वोट मिले जबकि जसवंत सिंह को 4,01,286 वोट. कांग्रेस को हरीश चौधरी को 2,20881 वोट मिले. साल 2019 के चुनाव में कैलाश चौधरी को बंपर 846526 वोट मिले जबकि कांग्रेस के मानवेंद्र सिंह को 5,22,718 वोट. 


कब कौन जीता


  • आजादी के बाद हुए चुनावों को देखें तो बाड़मेर सीट पर कांग्रेस ने सबसे ज्यादा बार जीत हासिल की है. कांग्रेस 9 बार इस सीट पर विजयी रही है. जबकि बीजेपी ने 3 बार.

  • 1952 में इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार भवानी सिंह ने जीत हासिल की.

  • 1957 के चुनाव में भी निर्दलीय रघुनाथ सिंह बहादुर जीते.

  • 1962 के चुनावों में राम राज्य परिषद के तन सिंह विजयी हुए. इसके बाद 1967 और 1971 के चुनाव में कांग्रेस के अमित नहाटा यहां से जीते.

  • इसके बाद 1977 में जनता पार्टी से उतरे तन सिंह को जीत मिली. 1980, 1984 में कांग्रेस के विर्धी चंद जैन को जीत मिली.

  • जनता दल के कल्याण सिंह कल्वी 1989 में जीतकर संसद पहुंचे.

  • इसके बाद 1991, 1996, 1998 और 1999 में कांग्रेस के सोना राम लगातार 4 बार चुनाव जीते.

  • साल 2004 में बीजेपी से मानवेंद्र सिंह को जनता ने जिताकर संसद भेजा.

  • 2009 के चुनाव में कांग्रेस के हाथ बाजी लगी और हरीश चौधरी जीत गए. 

  • 2014 में बीजेपी के सोना राम और 2019 में बीजेपी के ही कैलाश चौधरी को जीत मिली.