Basti Lok Sabha Election 2024: बस्ती में फीकी पड़ी मोदी लहर, सपा ने मारे बाज़ी नतीजे आए सामने
Basti Lok Sabha Chunav 2024 News: बस्ती लोकसभा सीट पर मुकाबला पिछले जैसा ही दिख रहा है. भाजपा ने लगातार तीसरी बार अपने सांसद हरीश द्विवेदी पर भरोसा जताया है. यहां का समीकरण भाजपा के लिए फिट बैठता है. 1991 की राम लहर हो या 2014 में चली मोदी लहर यहां भगवा दल को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है.
Basti Lok Sabha Election 2024: कभी महर्षि वशिष्ठ का आश्रम रहा बस्ती क्षेत्र साहित्यकार रामचंद्र शुक्ल की धरती है. यूपी का बस्ती जिला प्राचीन काल में कौशल देश का हिस्सा हुआ करता था. भगवान राम के बड़े बेटे कुश कौशल के सिंहासन पर विराजमान थे. मुगलों के राज में बस्ती जिला अवध सूबे में गोरखपुर का हिस्सा था. बाद में यह ईस्ट इंडिया कंपनी के अधीन आ गया. बस्ती के संक्षिप्त इतिहास के बाद अब राजनीति को समझते हैं. हाल के दशको में भाजपा यहां से कई बार जीती है.
बस्ती लोकसभा चुनाव 2024 रिजल्ट
बस्ती लोकसभा सीट पर छठे चरण में 25 मई को वोटिंग हुई. यहां कुल 56.67 प्रतिशत लोगों ने वोट डाले. नतीजे 4 जून को आएंगे.
1991 में राम लहर चली तो बस्ती भगवामय हो गया. भाजपा 1999 तक जीतती गई. यूपीए सरकार में यहां के लोगों ने बसपा का सांसद चुना. 2014 में मोदी लहर में फिर से भाजपा ने अपना कब्जा जमाया. मौजूदा सांसद हरीश द्विवेदी को भाजपा ने लगातार तीसरी बार टिकट दिया है.
200 प्रमुख लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की लिस्ट
बस्ती कपड़ा इंडस्ट्री और चीनी मिलों के लिए जाना जाता है. इस लोकसभा क्षेत्र में हर्रैया, बस्ती सदर, रुधौली, महदेवा और कप्तानगंज विधानसभा सीटें शामिल हैं. बस्ती की लखनऊ से दूरी 200 किमी है. गोंडा और गोरखपुर के बीच में बसा बस्ती जनपद नेपाल बॉर्डर से 80-85 किमी की दूरी पर है.
बस्ती जिले में एक ही लोकसभा सीट है, जो इसी नाम से जानी जाती है. यहां करीब 19 लाख मतदाता हैं. पिछली बार 57 प्रतिशत वोटिंग हुई थी. भाजपा और बसपा के बीच सीधी फाइट थी. बस्ती क्षेत्र में भाजपा के अलावा सपा और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक जीते हैं.
जातिगत समीकरण देखें तो दलित, ब्राह्मण, क्षत्रिय, कुर्मी और मुस्लिम बहुल इस क्षेत्र में अन्य पिछड़ा वर्ग के वोटर निर्णायक माने जाते हैं. एक रिपोर्ट की मानें तो क्षेत्र में सबसे ज्यादा 6 लाख ओबीसी, थोड़ा कम सवर्ण, 4 लाख अनुसूचित जाति और करीब 2 लाख मुस्लिम हैं. पहली बार यहां 1952 में लोकसभा चुनाव हुए थे. 1977 से पहले तक कांग्रेस का ही जलवा रहा.
सपा ने बस्ती से उतरा दिग्गज नेता
सपा ने बस्ती से राम प्रसाद चौधरी को टिकट दिया है. वह कप्तानगंज से पांच बार विधायक रहे हैं. यूपी के कैबिनेट मंत्री भी रहे. क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ है लेकिन मोदी लहर में वह भाजपा कैंडिडेट को कितनी बड़ी चुनौती दे पाएंगे, वक्त बताएगा. उनका बसपा से गहरा नाता था लेकिन 2019 में उन्हें निष्कासित कर दिया गया. वह सपा में आ गए. पिछले लोकसभा चुनाव में भी वह सपा से उम्मीदवार थे लेकिन कम वोटों के अंतर से हार गए.
1952 | उदय शंकर दुबे | कांग्रेस |
1957 | राम गरीब | स्वतंत्र |
1957 | केशव देव मालवीय | कांग्रेस |
1962 | केशव देव मालवीय | कांग्रेस |
1967 | एस. नारायण | कांग्रेस |
1971 | अनंत प्रसाद धूसिया | कांग्रेस |
1977 | शिव नारायण | जनता पार्टी |
1980 | कल्पनाथ सोनकर | कांग्रेस |
1984 | राम अवध प्रसाद | कांग्रेस |
1989 | कल्पनाथ सोनकर | जनता दल |
1991 | श्याम लाल कमल | भाजपा |
1996 | श्रीराम चौहान | भाजपा |
1998 | श्रीराम चौहान | भाजपा |
1999 | श्रीराम चौहान | भाजपा |
2004 | लाल मणि प्रसाद | बसपा |
2009 | अरविन्द कुमार चौधरी | बसपा |
2014 | हरीश द्विवेदी | भाजपा |
2019 | हरीश द्विवेदी | भाजपा |