Hisar Lok Sabha Election 2024: हिसार में संशय में BJP तो मुश्किल में कांग्रेस, जाटलैंड की इस सीट पर JJP-INLD ने बढ़ाई टेंशन
Hisar Lok Sabha Election 2024 News: जाटलैंड की इस सीट पर भजनलाल और देबी लाल के परिवार का कब्जा रहा है. 2019 में बृजेंद्र सिंह (Brijendra Singh) ने बीजेपी के टिकट पर जजपा (JJP) के दुष्यंत चौटाला को हराया था. बृजेंद्र की कांग्रेस में घरवापसी हो चुकी है. BJP-JJP की राहें जुदा हुईं तो मामला चतुष्कोणीय हो गया.
Hisar Lok Sabha Election 2024: सियासी समाचारों की बात करें हिसार सीट हाल ही में दो वजहों से सबसे ज्यादा सुर्खियों में थी. एक तो निवर्तमान सांसद बृजेंद्र सिंह, बीजेपी से इस्तीफा देकर सपरिवार कांग्रेस में चले गए थे. दूसरी ये कि बीजेपी और जजपा (JJP) के बीच गठबंधन की सरकार टूट गई. क्योंकि बीजेपी 10 लोकसभा सीटों पर अकेले लड़ने की बात कर रही थी. जजपा, (हिसार और भिवानी-महेंद्रगढ़) सीट पर लड़ने के लिए अड़ी थी. हिसार से डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला (Deputy CM Dushyant Chautala) आईएनएलडी के टिकट पर सांसद रह चुके हैं.
चौधरी देवीलाल परिवार से BJP के रणजीत चौटाला, JJP की नैना व इनेलो की सुनैना चौटाला मैदान में हैं. मुख्य लड़ाई रणजीत व कांग्रेस के जयप्रकाश के बीच है.
हिसार लोकसभा चुनाव 2024 रिजल्ट
हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर 25 मई को वोटिंग हुई. नतीजे 4 जून को आएंगे. 2019 में दुष्यंत चौटाला बीजेपी के बृजेंद्र सिंह से तीन लाख से ज्यादा वोट से हारकर दूसरे नंबर पर थे. जबकि उनके पिता डा. अजय सिंह चौटाला, भिवानी लोकसभा सीट से आईएनएलडी के टिकट पर ही सांसद रहे हैं. हिसार में 2019 में करीब 75% वोटिंग हुई और बीजेपी की धमाकेदार जीत हुई थी.
हिसार लोकसभा सीट का सियासी समीकरण
हिसार, जाटलैंड की हॉट सीट है. इस सीट पर काफी लंबे समय तक भजनलाल और देबी लाल के परिवार का कब्जा रहा है. हिसार लोकसभा सीट पर भी कभी जाट तो कभी गैर जाट उम्मीदवारों की जीत हुई है. हिसार में कांग्रेस इस बार भी दूर-दूर तक सीन में नहीं दिख रही है. 2014 में INLD के दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा जनहित कांग्रेस के कुलदीप विश्नोई को 31,847 हजार वोटों से हराया था. तब तीसरे नंबर पर कांग्रेस के संपत सिंह थे.
2009 में हरियाणा जनहित कांग्रेस के भजन लाल ने कांग्रेस के संपत सिंह को 6,983 हजार वोटों से हराया था. साल 2004 में आखिरी बार कांग्रेस के जयप्रकाश जीते थे. तब से कांग्रेस 20 सालों से यहां जीत के लिए तरस रही है. 2019 में कांग्रेस के भव्य विश्नोई यहां से तीसरे नंबर पर थे. 2010 में बीएसपी के सुरिंदर शर्मा चौथे नंबर पर थे. उन्हें हाथी के सिंबल पर 45,190 वोट मिले थे.
हिसार लोकसभा में 9 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें हिसार, हांसी, उचाना कलां, आदमपुर, उकलाना, बरवाला, नलवा, बवानी खेड़ा और नारनौंद शामिल हैं. यहां 23 लाख से ज्यादा आबादी है. 15 लाख 60 हजार के लगभग वोटर हैं. जिनमें 5 लाख से अधिक जाट और करीब 5 लाख अनुसूचित और पिछड़ी जातियों के मतदाता हैं. वहीं 90,000 से ब्राह्मण, 36,000 से अधिक बिश्नोई और 65,000 पंजाबी वोटर्स हैं.
रेस में कौन मारेगा बाजी?
बीजेपी से बात नहीं बन पाई. ऐसे में जजपा से यहां पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला उतर सकते हैं. कांग्रेस ने भी नाम का खुलासा नहीं किया है.
हिसार लोकसभा सीट का चुनावी इतिहास : कब किस पार्टी से कौन रहा सांसद
साल | विजेता | पार्टी |
1952 | लाला अचिंत राम | कांग्रेस |
1957 | ठाकुर दास भार्गव | कांग्रेस |
1962 | मनीराम बागरी | संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी |
1967 | राम कृष्ण गुप्ता | कांग्रेस |
1971 | मनीराम गोदारा | कांग्रेस |
1977 | इंदर सिंह श्योकंद | जनता पार्टी |
1980 | मनीराम बागरी | जनता पार्टी सेक्युलर |
1984 | चौ. बीरेंद्र सिंह | कांग्रेस |
1989 | जय प्रकाश | जनता दल |
1991 | नारायण सिंह | कांग्रेस |
1996 | जय प्रकाश | हरियाणा विकास पार्टी |
1998 | सुरेंद्र सिंह बरवाला | INLD |
1999 | सुरेंद्र सिंह बरवाला | INLD |
2004 | जय प्रकाश | कांग्रेस |
2009 | भजन लाल | हरियाणा जनहित कांग्रेस |
2011 | कुलदीप बिश्नोई | हरियाणा जनहित कांग्रेस |
2014 | दुष्यन्त चौटाला | INLD |
2019 | बृजेंद्र सिंह | BJP |
हिसार का इतिहास
हिसार शहर की स्थापना 1354 ई. में फिरोजशाह तुगलक ने की थी. हिसार एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ किला होता है. ये दिल्ली से करीब 160 Km दूर है. हिसार की गिनती उन प्रमुख जिलों में होती है, जहां मिनी सचिवालय है. हिसार इस्पात सिटी के नाम से मशहूर है. यहां की चौधरी चरण सिंह हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी और गुरु जंबेश्वर यूनिवर्सिटी बहुत मशहूर हैं.