Bihar Political Row: जेडीयू (JDU) के सभी विधायकों को पटना (Patna) में रहने की सलाह दी गई है. ऐसे में बिहार में किसी बड़े सियासी घटनाक्रम के घटने की खबरों ने जोर पकड़ लिया है. राजनीति में कुछ कहावतें हमेशा सुर्खियों में रहती हैं. जैसे- 'दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है.' 'यहां किसी से ना स्थाई दोस्ती होती है और ना ही दुश्मनी'. ऐसी बातें कई बार सच साबित हो चुकी हैं. RJD-JDU गठंबधन हो या BJP-JDU का नाता. रिश्तों में खटास आई, तो राहें जुदा हो गईं. मिले...बिछड़े और जरूरत पड़ी तो फिर मिल गए. यानी 'दुश्मनी लाख कीजे मगर, खत्म न कीजे रिश्ता, दिल मिले न मिले हाथ मिलाते रहिए.' यही वजह है कि जैसे ही खबर आई कि JDU विधायकों को पटना में ही रहने की सलाह दी गई है तो लोगों का ध्यान इस बात की ओर भी गया कि कहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पाला बदलने की तैयारी में तो नहीं हैं?


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पाला बदल सकते हैं नीतीश कुमार?


बिहार में सियासी उलटफेर की संभावना बढ़ती जा रही है. अटकलबाजियों के बीच शुक्रवार की सुबह राजद सुप्रीमो लालू यादव और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सीधे सीएम नीतीश से मिलने पहुंचे. लालू और तेजेस्वी ने सीएम आवास पहुंचकर नीतीश कुमार से तक़रीबन 40 मिनट तक मुलाकात की. पटना में लालू- तेजस्वी और नीतीश की मुलाकात करीब 1 घंटे चली. जिसके बाच नेता मुस्कुराते हुए मुख्यमंत्री आवास से निकले. इसके पहले 15 जनवरी को नीतीश कुमार ने लालू यादव के दही-चूड़ा भोज में शिरकत की थी. तब वहां नीतीश कुमार बस 10 मिनट ही रुके थे. जिसके बाद से ही सियासी अटकले नीतीश की नाराजगी को लेकर सामने आई थी. जेडीयू ने अपने सभी विधायको को पटना से बाहर जाने की मनाही कर दी तो अंदाजा लगाया जा रहा है की रामलला के प्राण प्रतिष्ठा से पहले बिहार की सियासत में कुछ बड़ा उलट फेर हो सकता है.


बीजेपी की अहम बैठक


आपको बता दें की राजनीतिक उलट-फेर के आसार के बीच शुक्रवार को ही बीजेपी अपने विधायकों के साथ अहम बैठक कर रही है. जानकारी अनुसार बीजेपी विधायक दल की बैठक में बहुत सी चीजें साफ हो सकती हैं. बिहार की सियासी पारा इन दिनों चरम पर है. बीजेपी भी लगातार बैठकें कर रही है. माना जा रहा है कि बिहार में महागठबंधन में सब ठीक नहीं है और ऐसे में नीतीश को मनाने की लालू की कोशिश क्या रंग लाती है यह देखना होगा?


अटकलों का बाजार गर्म


चुनावी साल जब जेडीयू विधायकों को पटना में रहने की सलाह दी गई तो तमाम तरह  की अटकलें चल निकलीं. उनमें से एक ये भी रही कि कहीं नीतीश कुमार के जेडीयू की कमान संभालने की वजहों को लेकर जो कयास लगाए जा रहे थे, कहीं उनमें कोई सच्चाई तो नहीं थी?