Snake Ahaetulla longirostrus: बिहार के चंपारण जिले में स्थित वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के पास हाल ही में एक खतरनाक सांप मिला है. यह सांप इतना खतरनाक है कि इंसान सामने आ जाए तो सीधा उसकी आंखों पर अटैक करता है.
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Snake Ahaetulla longirostrus: बिहार के चंपारण जिले में स्थित वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के पास हाल ही में एक खतरनाक सांप मिला है. यह सांप इतना खतरनाक है कि इंसान सामने आ जाए तो सीधा उसकी आंखों पर अटैक करता है. इसे सांपों की अनोखी प्रजाति बताया जा रहा है. इस सांप की विशेषता उसकी लंबी नाक है. वैज्ञानिकों ने इस सांप को अहेतुल्ला लोंगिरोस्ट्रस नाम दिया है. जिसका मतलब होता है 'लंबी नाक वाला सांप'.
वैज्ञानिकों ने किया डीएनए टेस्ट
यह सांप जंगलों में मृत अवस्था में पाया गया था. शुरुआत में इसकी प्रजाति की पहचान नहीं हो पाई थी. जिसके बाद वैज्ञानिकों ने मृत सांप का डीएनए टेस्ट कराया. डीएनए टेस्ट में सांप की एक अनोखी और नई प्रजाति का खुलासा हुआ. इस सांप की लंबी नाक उसे पेड़ों पर छिपने और अदृश्य रहने में मदद करती है. जो इसे बेहद घातक बनाती है.
हरे रंग का खतरनाक सांप
यह सांप आमतौर पर पेड़ों की शाखाओं पर रहता है और अपनी हरी रंगत के कारण पेड़ पर छिपा रहता है. अगर कोई व्यक्ति गलती से इसके करीब चला जाए, तो यह शाख से उछलकर सीधे चेहरे पर हमला कर सकता है, जिससे चेहरे का वह हिस्सा कुछ दिनों के लिए सुन्न हो सकता है.
नोच लेता है इंसान की आंख
अहेतुल्ला सांप की लंबी और नुकीली नाक होती है, जिससे यह आंखों पर हमला कर सकता है. इसके कारण इसे स्थानीय भाषा में 'आंख नोंचने वाला सांप' भी कहा जाता है.
कीड़ों को खाता है
यह सांप मुख्यतः जंगल में मिलने वाले कीड़ों का भोजन करता है. हालांकि, यदि कोई व्यक्ति इसके इलाके में घुसपैठ करता है या इसकी उपस्थिति को डिस्टर्ब करता है, तो यह आक्रामक हो सकता है.
वैज्ञानिक महत्व और भविष्य की योजनाएं
सांपों के अध्ययन में विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में नई प्रजातियों की खोज एक महत्वपूर्ण और खुशी की बात है. इसके साथ ही, वैज्ञानिक अब टाइगर रिजर्व के अन्य हिस्सों में भी ट्रैकिंग करेंगे ताकि इस तरह की अन्य नई प्रजातियों का पता लगाया जा सके. इस खोज से सांपों के व्यवहार और उनके संरक्षण के प्रयासों में भी मदद मिलेगी.
एक नई सांप प्रजाति की पहचान
अहेतुल्ला लोंगिरोस्ट्रस की खोज ने एक नई सांप प्रजाति की पहचान में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. इसकी अनोखी विशेषताएं और व्यवहार इसे एक खास और महत्वपूर्ण प्रजाति बनाते हैं, जो प्राकृतिक दुनिया में और अधिक शोध का मार्ग प्रशस्त करते हैं.