Jitin Prasad: कौन हैं राहुल गांधी के पक्के दोस्त रहे जितिन प्रसाद? जो पीलीभीत में वरुण गांधी का विकल्प बन गए
Pilibhit BJP Candidate: पीलीभीत से वरुण गांधी का टिकट काटकर जितिन प्रसाद को उम्मीदवार बनाया गया है. इसके पीछे वजह क्या हो सकती है आइए समझते हैं.
Jitin Prasad BJP Candidate: बीजेपी (BJP) ने लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Chanav) के लिए अपनी 5वीं लिस्ट जारी कर दी है. इस लिस्ट में कई नाम चौंकाने वाले हैं तो कई नेताओं की लॉटरी लग गई है. ऐसा ही एक नाम जितिन प्रसाद (Jitin Prasad) का भी है जिन्हें बीजेपी ने पीलीभीत से वरुण गांधी (Varun Gandhi) की जगह टिकट दिया है. बीजेपी ने वरुण गांधी का टिकट काट दिया है और इस बार जितिन प्रसाद पर दांव लगाया है. अगर आप नहीं जानते हैं तो आपको बता दें कि जितिन प्रसाद कभी राहुल गांधी के पक्के दोस्तों में से एक रह चुके हैं. आइए जानते हैं पीलीभीत में जितिन प्रसाद बीजेपी के लिए वरुण गांधी का विकल्प बनकर क्यों उभरे हैं.
कभी राहुल गांधी के पक्के दोस्त रहे जितिन प्रसाद
हां, जितिन प्रसाद का नाम भी उन्हीं नेताओं में से एक है जो कभी राहुल गांधी के खास हुआ करते थे. इसमें जितिन प्रसाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया, मिलिंद देवड़ा और सचिन पायलट का नाम है. इन चारों में से केवल सचिन पायलट ही ऐसे हैं जो अब कांग्रेस में बचे हैं. बाकी तीनों नेता और राहुल गांधी के दोस्त कांग्रेस छोड़ चुके हैं. जितिन प्रसाद और ज्योतिरादित्य सिंधिया अब बीजेपी में हैं. वहीं, मिलिंद देवड़ा बीजेपी के साथ गठबंधन वाली शिवसेना शिंदे गुट का झंडा थाम चुके हैं.
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यूपीए सरकार में इस्पात मंत्री थे जितिन प्रसाद
जितिन प्रसाद फिलहाल यूपी सरकार में मंत्री हैं. लेकिन इससे पहले वह केंद्र की यूपीए सरकार में मंत्री रह चुके हैं. 2004 में सांसद बनने के बाद 2008 में जितिन प्रसाद को यूपीए-1 सरकार में केंद्रीय राज्य इस्पात मंत्री बनाया गया था. 2009 में भी जितिन प्रसाद दोबारा संसद पहुंचे. इस बार जितिन प्रसाद ने धौरहरा से किस्मत आजमाई. फिर 2009 से 2014 तक जितिन प्रसाद को अलग-अलग समय पर अलग-अलग मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई.
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यूपी का बड़ा ब्राह्मण चेहरा जितिन प्रसाद
गौरतलब है कि पीलीभीत से जितिन प्रसाद को टिकट दिया जाना उनका ब्राह्मण होना भी बताया जा रहा है. बीजेपी ने इसके लिए ब्राम्हणों को साधने की कोशिश की है. जैसा कि आप जानते हैं कि जितिन प्रसाद शाहजहांपुर और धौरहरा दोनों जगहों से सांसद रह चुके हैं. उनका प्रभाव इनसे लगे हुए जिलों में भी माना जाता है. इस बार उन्हें शाहजहांपुर से लगती हुई लोकसभा सीट से टिकट दिया गया है.