Kurukshetra Lok Sabha Election 2024: कुरुक्षेत्र में महाभारत का युद्ध हुआ. ये जिला सियासी रणक्षेत्र बना हुआ है. यहां जाट और गैर जाट के मुद्दे पर चुनाव होता रहा है. हरियाणा में आप-कांग्रेस गठबंधन में कुरुक्षेत्र की सीट AAP को मिली तो सुशील गुप्ता उम्मीदवार बने. इनेलो (INLD) ने कुरुक्षेत्र से राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अभय चौटाला (Abhay Chautala) के नाम की घोषणा की है. बीजेपी ने यहां से नवीन जिंदल को टिकट दी है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

2019 में BJP ने सभी 10 सीटें जीती थीं. BJP को 58.2 % वोट मिले थे. खबर है कि विधानसभा की रेस जीत चुके बीजेपी के चार विधायक सांसदी लड़ना चाहते हैं. क्रिकेटर युवराज सिंह का नाम भी रेस में काफी दिन से चल रहा है. 2014 में दिल्ली में क्रिकेटर को चुनाव लड़ाने का फार्मुला काम कर चुका है. इसलिए उनकी दावेदारी की अटकलें बंद नहीं हुई हैं. वहीं कांग्रेस का खाता नहीं खुला इसके बाद भी उसे 28.5% वोट मिले थे. 


कुरुक्षेत्र लोकसभा चुनाव 2024 रिजल्ट


हरियाणा की सभी 10 सीटों पर 25 मई को मतदान हुआ था. नतीजे चार जून को आएंगे. यहां मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस में हैं.


कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट की जानकारी 


कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट 1977 में बनी थी. पहले इस संसदीय क्षेत्र की जनता कैथल लोकसभा में वोट डालती थी. कुरुक्षेत्र में 9 विधानसभा सीटें हैं. जिसमें कुरुक्षेत्र की चार पिहोवा, थानेसर, लाडवा और शाहाबाद. वहीं कैथल जिले की चार कैथल, कलायत, गुहला और पुंडरी विधानसभा क्षेत्र आते हैं. तो यमुनानगर जिले की एक विधानसभा क्षेत्र रादौर भी इसके दायरे में आती है. 


AAP का संयुक्त उम्मीदवार


वहीं 'इंडी' गठबंधन का मामला एकदम साफ है. आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस का समझौता हो चुका है. जिसमें कुरुक्षेत्र सीट 'आप' के हिस्से में आई है. AAP ने राज्यसभा के पूर्व सांसद और अपने हरियाणा प्रदेश के अध्यक्ष सुशील गुप्ता को उम्मीदवार बनाया है. मई 2023 में AAP ने संगठन में बदलाव करते हुए सुशील गुप्ता को हरियाणा की कमान सौंपी थी. BJP की बात करें तो उसने भी पिछले साल कुरुक्षेत्र से सांसद सैनी को हरियाणा में संगठन की कमान सौंपी थी. ऐसे में नायब सिंह सैनी का नाम टिकट के दावेदारों में टॉप पर है.



जातिगत समीकरण


बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नायब सैनी बीजेपी के अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) मोर्चे के उपाध्यक्ष हैं. सूबे में जाट वोट कांग्रेस, जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के बीच बंटा हुआ है. जाट राज्य में सबसे अधिक आबादी वाला समुदाय है. बीजेपी पहले से ही जेजेपी के साथ गठबंधन में है. जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला डिप्टी सीएम हैं.


 



कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र में लगभग 18 लाख मतदाता है. यहां जाट फैक्टर सबसे ज्यादा असरदार है. क्योंकि जाट मतदाता सबसे ज्यादा हैं. यहां से दो बार सिख सांसद रहे हैं. वहीं सैनी समाज से भी सांसद चुने जा चुके हैं. जाट मतदाता 14 फीसदी और 4 फीसदी जट सिख मतदाता है. दूसरे नंबर पर ब्राह्मण और सैनी मतदाताओं की संख्या दोनों 8-8 फीसदी है. वहीं पंजाबी कम्युनिटी के वोटर्स 6 फीसदी हैं. जबकि अग्रवाल समुदाय के 5 फीसदी मतदाता है. राजपूत मतदाताओं का आंकड़ा यहां 1.5 फीसदी है.


बाहरी उम्मीदवारों का रहा है दबदबा


हरियाणा की स्थापना होने के बाद पूर्व गृहमंत्री गुलजारी लाल नंदा ने 1967 तथा 1971 में कुरुक्षेत्र से कांग्रेस के सांसद के रुप में चुनाव जीता. तब से लेकर निवर्तमान सांसद नायब सिंह सैनी तक यहां 99% बाहरी उम्मीदवारों ने ही सांसदी का चुनाव जीता है. आपको बताते चलें कि इस लोकसभा सीट से एकमात्र सांसद प्रो. कैलाशो सैनी ही ऐसी उम्मीदवार रहीं, जिनका मूलनिवास कुरुक्षेत्र था. यानी कुरुक्षेत्र की जनता ने बाहरी उम्मीदवारों पर ही अपना भरोसा जताया है.


साल विजेता पार्टी
1977 रघुवीर सिंह विर्क (जनता पार्टी) भारतीय क्रांति दल
1980 मनोहर लाल सैनी जनता पार्टी सेकुलर
1984 सरदार हरपाल सिंह कांग्रेस 
1989 गुरदयाल सिंह सैनी जनता दल 
1991 सरदार तारा सिंह कांग्रेस
1996 ओपी जिंदल हरियाणा विकास पार्टी
1998 प्रो.कैलाशो सैनी इंडियन नेशनल लोकदल 
1999 प्रो.कैलाशो सैनी इंडियन नेशनल लोकदल 
2004 नवीन जिंदल कांग्रेस
2009 नवीन जिंदल कांग्रेस
2014 राजकुमार सैनी बीजेपी
2019 नायब सिंह सैनी बीजेपी