Godrej Ballot Box Lok Sabha Election: आजादी मिलने के बाद भारत में पहले आम चुनाव की तैयारी हो रही थी. इतनी बड़ी आबादी के बीच चुनाव कैसे होंगे? दुनिया कई तरह की आशंकाएं जता रही थी. मुंबई में एक प्लांट में युद्ध स्तर पर काम चल रहा था क्योंकि यहीं पर सबसे महत्वपूर्ण चीज तैयार की जा रही थी. जी हां, इस प्लांट में वर्कर्स 17 घंटे की शिफ्ट कर रहे थे जिससे भारत में पहला लोकसभा चुनाव कराए जा सकें. विखरोली में तब गोदरेज एंड बॉयस इंडस्ट्रियल एस्टेट (Godrej & Boyce) की पहली ऑपरेशनल यूनिट (प्लांट-1) ने ओलिव - ग्रीन रंग का स्टील बैलट बॉक्स यानी मतपेटी बनाई थी. 


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देश में पहले आम चुनाव 25 अक्टूबर 1951 और 21 फरवरी 1952 के बीच कराए गए थे. अंग्रेजी हुकूमत से आजादी मिलने के बाद देश में खुशी की लहर थी. यह नई सुबह थी. ऐसे में फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों का उत्साह भी चरम पर था. 


13 लाख बैलट बॉक्स बनने की कहानी


'गोदरेज आर्काइव' ने जनवरी में सोशल मीडिया पर उस समय के एक अंग्रेजी अखबार की कटिंग शेयर की, जिसमें उसके प्लांट की तस्वीर दिखाई देती है. इसी प्लांट में पहले लोकसभा चुनाव के लिए करीब 12.83 लाख टैंपर प्रूफ, पानी से सेफ रहने वाले मजबूत बैलट बॉक्स बनाए गए थे. 



चुनाव की घोषणा होने से काफी पहले कंपनी मुंबई के लालबाग वाले प्लांट में ताले और फर्नीचर जैसे स्टील प्रोडक्ट बना रही थी. यही वजह थी कि उसे बैलट बॉक्स बनाने का ऑर्डर दिया गया. कुछ रिकॉर्ड्स में यह भी जिक्र मिलता है कि दो और कंपनियों को भी ऑर्डर दिए गए थे. हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं की जा सकती कि उन कंपनियों ने कितने बैलट बॉक्स बनाए थे. 


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गोदरेज ने विखरोली प्लांट वाली जमीन 1943 में खरीदी थी. यहां सबसे पहले बैलट बॉक्स ही बनाया गया था. बताते हैं कि कुल ऑर्डर 12.24 लाख बैलट बॉक्स का था लेकिन कंपनी ने 12.83 लाख बक्से बनाए थे. वजह यह थी कि दूसरी कंपनियां समय से ऑर्डर पूरे नहीं कर पा रही थीं. ऐसे में बचा हिस्सा गोदरेज को ही दे दिया गया. 


एक दिन में 15 हजार बक्से


तब गोदरेज ने एक दिन में 15 हजार से ज्यादा बक्से बनाए गए थे. उसकी कीमत भी न्यूनतम 5 रुपये रखी गई थी. फाइन मॉडल पर पहुंचने से पहले करीब 50 डिजाइन सैंपल तैयार किए गए थे. 


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अब समस्या यह थी कि अगर ताले बाहर से लगाए जाते तो बैलट बॉक्स का रेट बढ़ जाता. ऐसे में अंदर से ही लॉक करने का तरीका ढूंढा गया. 


गोदरेज के ये बैलट बॉक्स अजमेर, असम, भोपाल, बिहार, बिलासपुर, बॉम्बे, दिल्ली, ईस्ट पंजाब, हिमाचल प्रदेश, कच्छ, मध्य भारत, मैसूर, ओडिशा, राजस्थान, सौराष्ट्र, यूपी, पश्चिम बंगाल सहित कई जगहों पर भेजे गए थे.