Omar Abdullah: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने आरोप लगाया कि अमित शाह कश्मीर चुनावों में हस्तक्षेप करने आए थे. उमर अब्दुल्ला ने गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि अनंतनाग-राजौरी लोक सभा सीट पर चुनाव इसलिए टाला गया ताकि गृह मंत्री कश्मीर आकर चुनावों में हस्तक्षेप कर चुनावों को अपने सहयोगियों के हक मे बदल सके.


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असल में उमर अब्दुल्ला पहलगाम इलाके मे नेकां के प्रत्याशी मियां अल्ताफ़ के हक़ वोट देने की अपील करते गृह मंत्री पर जम कर हमला बोला. अमित शाह के साथ साथ अब्दुल्ला ने पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती को बीजेपी का सहयोगी बताते उन्हें भी अड़े हाथों लिया.


अनंतनाग-राजौरी सीट पर चुनाव क्यों टाले..
उमर ने अपने संबोधन में कहा “हम समझ गए हैं कि अनंतनाग-राजौरी सीट पर चुनाव क्यों टाले गए. इसका उद्देश्य वास्तव में गृह मंत्री को कश्मीर आना था ताकि वह चुनावों में हस्तक्षेप कर सकें. नहीं तो कोई मतलब ही नहीं था चुनाव स्थगित करने का. 7 मई तक गृह मंत्री फ्री नहीं थे और वह श्रीनगर चुनाव खत्म होने से पहले नहीं आना चाहते थे क्योंकि उन्हें लगता था कि अगर वो श्रीनगर चुनावों से पहले आये तो उनकी सहयोगी अपनी पार्टी को परेशानी हो सकती है.


उमर ने कहा ग्रह मंत्री दरअसल अनंतनाग - राजौरी क्षेत्र के चुनावों में अपने सहयोगी दलों की मदद करना चाहते थे “वह हमारे उम्मीदवार मियां अल्ताफ को नुकसान पहुंचाने के लिए प्रशासन और अपने लोगों से मिलने आए थे. उम्मीदवार बहुत है मैदान में लेकिन यह चुनाव दो तरफ़ की सोच के बीच है एक तरफ़ फ़िरक़ापरस्त लोग जो मज़हब की लड़ाई करवाना चाहते है, दूसरी तरफ हम जो इस देश में बाई चारे की हिफाजत के लिए खड़े है.” अब्दुल्ला बोले.


मुफ़्ती पर भी जमकर हमला बोला..
उमर ने महबूबा मुफ़्ती पर भी जमकर हमला बोला, उन्होंने कहा बीजेपी को जम्मू कश्मीर में लाने वाले पीडीपी है, अब्दुल्ला ने बोला.. आज वो बीजेपी के ख़िलाफ़ वोट मांगते है, 2014 में भी बीजेपी के ख़िलाफ़ वोट माँगा था फिर उनके साथ ही हाथ मिलाया. उमर ने कहा हमने तब पीडीपी को बोला था की बीजेपी से हाथ ना मिलाओ हम आप को सपोर्ट देंगे आप सरकार बनाओ.. हम सरकार में भागीदारी नहीं चाहिए आप 2021 तक सरकार चलाओ मगर उन्होंने नहीं माना और आज ना हमारा झंडा रहा ना हमारा संविधान. उमर ने अपना संबोधन एक शेर के साथ ख़त्म किया “लम्हों ने खाता की सदियों ने सज़ा पाई.