पौड़ी गढ़वाल लोकसभा चुनाव 2024: अनिल बलूनी vs गणेश गोदियाल, ठाकुरों के वर्चस्व वाली सीट पर ब्राह्मणों की लड़ाई
Pauri Garhwal Lok Sabha Election 2024: उत्तराखंड की पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट से बीजेपी ने अनिल बलूनी को उतारा है तो कांग्रेस ने गणेश गोदियाल को. ठाकुरों के दबदबे वाली गढ़वाल सीट पर इस बार मुकाबला ब्राह्मणों के बीच है.
Pauri Garhwal Lok Sabha Election 2024: आगामी लोकसभा चुनाव में पौड़ी गढ़वाल सीट की लड़ाई पर सबकी नजरें होंगी. यहां के मतदाताओं में करीब 45% ठाकुर हैं. ब्राह्मण वोटर्स की संख्या 30% और दलित करीब 18% है. बीजेपी ने गढ़वाल सीट से जीत की हैट्रिक लगाने के लिए इस बार अनिल बलूनी को उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस ने अपने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को प्रत्याशी बनाया है. पौड़ी गढ़वाल सीट की खास बात यह है कि ठाकुरों के दबदबे के बावजूद यहां से ब्राह्मण चेहरे जीतते रहे हैं. 1991 के बाद से गढ़वाल सीट से सात बार ब्राह्मण उम्मीदवार जीता है. भौगोलिक लिहाज से यह प्रदेश की सबसे बड़ी सीट है. उत्तराखंड की बाकी लोकसभा सीटों की तरह पौड़ी गढ़वाल में भी 19 अप्रैल को मतदान हुआ. बीजेपी ने यहां पिछले सात संसदीय चुनावों में से छह में जीत दर्ज की है. 2019 आम चुनाव में पौड़ी गढ़वाल में बीजेपी को 68% से ज्यादा वोट मिले थे. क्या बीजेपी इस सीट पर जीत की हैट्रिक लगा पाएगी? यह तो 04 जून को पता चलेगा जब वोटों की गिनती होगी.
गढ़वाल लोकसभा चुनाव रिजल्ट
गढ़वाल सीट पर लोकसभा चुनाव के पहले चरण में, 19 अप्रैल को मतदान हुआ था. मतदान में कुल 50.84 प्रतिशत वोट पड़े. चुनाव आयोग 04 जून को गढ़वाल लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित करेगा.
पौड़ी गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र की जानकारी
पौड़ी गढ़वाल उत्तराखंड की पांच संसदीय सीटों में से एक है. यह राज्य की सबसे बड़ी लोकसभा सीट है जिसके दायरे में पांच जिलों के इलाके आते हैं. गढ़वाल लोकसभा सीट की सीमा में पौड़ी गढ़वाल जिला, चमोली जिला, रुद्रप्रयाग जिला के साथ-साथ नैनीताल और टिहरी गढ़वाल के कुछ हिस्से पड़ते है. गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र की परिधि में कुल 14 विधानसभा सीटें (बदरीनाथ, थराली (अनुसूचित जाति), कर्णप्रयाग, केदारनाथ, रुद्रप्रयाग, देवप्रयाग, नरेंद्रनगर, यमकेश्वर, पौड़ी (अनुसूचित जाति), श्रीनगर, चौबट्टाखाल, लैंसडाउन, कोटद्वार और रामनगर) हैं. इनमें से 13 पर बीजेपी का कब्जा है. सिर्फ चमोली की बदरीनाथ विधानसभा कांग्रेस के पास है. 2019 लोकसभा चुनाव में गढ़वाल से जीतकर बीजेपी के तीरथ सिंह रावत सांसद बने थे.
पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट का इतिहास
साल | सांसद का नाम |
2019 | तीरथ सिंह रावत (बीजेपी) |
2014 | बी सी खंडूरी (बीजेपी) |
2009 | सतपाल महाराज (कांग्रेस) |
2008 उपचुनाव | तेजपाल सिंह रावत (बीजेपी) |
2004, 1999, 1998 | बी सी खंडूरी (बीजेपी) |
1996 | सतपाल महाराज (ऑल इंडिया इंदिरा कांग्रेस (T)) |
1991 | बी सी खंडूरी (बीजेपी) |
1989 | चंद्र मोहन सिंह नेगी (जनता दल) |
1984 | चंद्र मोहन सिंह नेगी (कांग्रेस) |
बीजेपी नेतृत्व के करीबी हैं अनिल बलूनी
पौडी से कई बड़े-बड़े नामों ने जीत दर्ज की है. पूर्व सीएम मेजर जनरल बीसी खंडूरी (सेवानिवृत्त) ने इस सीट से पांच बार जीत दर्ज की. एचएन बहुगुणा ने दो बार - 1980 और 1982 में सीट का प्रतिनिधित्व किया. 1991 से इस सीट पर हुए नौ चुनाव में सात बार ब्राह्मण चेहरा जीता. टीपीएस रावत और तीरथ सिंह रावत, दोनों ठाकुर अपवाद थे. 2024 के चुनाव में बीजेपी ने यहां से अनिल बलूनी को उतारा है. बलूनी को 2019 में राज्यसभा सदस्य बनाया गया था. वह बीजेपी नेतृत्व के करीबी माने जाते हैं.
सियासी एक्सपर्ट्स के अनुसार, पौड़ी गढ़वाल में अग्निवीर, पलायन और रोजगार जैसे मुद्दे बीजेपी के लिए चुनौती बन सकते हैं. पौडी में 'फौजी वोट' महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इस इलाके में सेना के कई सर्विंग और रिटायर्ड जवान रहते हैं. पौड़ी गढ़वाल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) दिवंगत जनरल बिपिन रावत का पैतृक जिला भी है.