Prashant Kishore on Lok Sabha Election Result 2024: चुनाव रणनीतिकार कहे जाने प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव के रिजल्ट का पूर्वानुमान लगाने में अपनी चूक स्वीकार की है. उन्होंने कहा कि वे आगे से किसी भी चुनाव में सीटों की गणना के बारे में कोई भविष्यवाणी नहीं करेंगे. एक मीडिया समूह के साथ बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि उन जैसे कई रणनीतिकार इस बार सही अनुमान लगाने में चूक गए. जिसका उन्हें खेद है. 


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प्रशांत किशोर ने स्वीकार की अपनी चूक


प्रशांत किशोर ने बेबाकी के साथ स्वीकार किया कि वे कई अहम क्षेत्रों में सटीक अनुमान लगाने से चूक गए. अपनी भविष्य की रणनीतियों के बारे में पूछे जाने पर प्रशांत किशोर ने कहा कि वे अब भविष्य के चुनावों में पार्टियों को मिलने वाली सीटों पर चर्चा नहीं करेंगे. 


सीटों का अनुमान 20 फीसदी गलत निकला


प्रशांत किशोर ने कहा, 'मैंने बीजेपी को 300 सीटें मिलने का अनुमान लगाया था लेकिन उसे 240 सीटें मिलीं, जो अनुमान से 20 फीसदी कम थीं. हालांकि मैंने अपने पूर्वानुमान में यह भी कहा था कि मोदी सरकार के खिलाफ थोड़ा गुस्सा तो है लेकिन व्यापक असंतोष नहीं है. विपक्ष के फेवर में कहीं कोई लहर नहीं दिख रही थी. बीजेपी को वोट शेयर 36 फीसदी मिला है, जो पहले से 0.7 फीसदी कम है. ऐसे में अनुमान गलत तो निकला है लेकिन पूरी तरह नहीं.' 


पिछले दो वर्षों से हो रही चूक- प्रशांत किशोर


उन्होंने कहा कि वे चुनावों में कभी भी पार्टियों को मिलने वाली सीटों के पूर्वानुमान के बारे में बात नहीं करते थे. हालांकि पिछले 2 सालों से उनसे यह गलती हो रही है और वे चूक रहे हैं. उनसे पहली चूक पश्चिम बंगाल असेंबली चुनाव में हुई थी और अब दूसरी चूक लोकसभा चुनाव में हुई है. लेकिन सीटों की संख्या को छोड़कर उन्होंने बाकी जो कहा, वह सब लगभग सच साबित हुआ है. 


बीजेपी को चुनाव में मिली 240 सीटें


बताते चलें कि प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव के रिजल्ट आने से पहले भविष्यवाणी की थी कि बीजेपी अपना 2019 का प्रदर्शन दोहराने जा रही है और इस बार भी उसे 300 के आसपास सीटें मिलेंगी. हालांकि उनका यह आकलन गलत साबित हुआ और बीजेपी 240 सीटों पर रुक गई, जो 2019 के चुनावों में जीती गई सीटों से 20 प्रतिशत कम है. 


उत्तर भारत के इन राज्यों में लगा झटका


बीजेपी को सबसे बड़ा झटका यूपी, राजस्थान और बिहार में लगा, जो पार्टी के गढ़ कहे जाते थे. इन राज्यों में बीजेपी की सीटें 2019 के मुकाबले करीब 40 फीसदी घट गई. यह और बात है कि गठबंधन सहयोगियों के बलबूते नरेंद्र मोदी एक बार फिर देश के पीएम बनने जा रहे हैं.