Raebareli Lok Sabha election: रायबरेली को इस लोकसभा चुनाव की नंबर-वन हॉट सीट कहना गलत नहीं होगा. क्योंकि इतना सस्पेंस कहीं और नहीं है जितना रायबरेली में है. इससे पहले रायबरेली में इतना सस्पेंस 1980 में था, जब 77 की हार के बाद इंदिरा गांधी ने दोबारा यहां से चुनाव लड़ा था. ठीक 44 साल बाद उसी विरासत को बचाने के लिये राहुल गांधी खुद रायबरेली के मैदान में हैं. 


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रायबरेली में किसे पॉलिटिकल प्रॉफिट..


रायबरेली में किसे पॉलिटिकल प्रॉफिट होगा? राहुल गांधी विरासत की सीट बचा पाएंगे या बीजेपी ये सीट भी छीन लेगी? इसके लिये आपको 4 जून तक रुकना होगा. लेकिन फिलहाल देखें तो इस चुनाव की सबसे हॉट सीट बन जाने से, ताबड़तोड़ रैलियां होने, बड़े-बड़े नेताओं के दौरे और हर पार्टी के यहां दौड़े चले आने से रायबरेली शहर जरूर अच्छे खासे प्रॉफिट में चल रहा है.


सोनिया की पंच लाइन


रायबरेली में प्रचार खत्म होने से एक दिन पहले कांग्रेस और बीजेपी ने जमकर जोर लगाया. कांग्रेस ने ITI मैदान में रैली की, जिसमें राहुल गांधी के लिये वोट मांगने खास तौर से सोनिया गांधी पहुंचीं. उन्होंने रायबरेली से गांधी परिवार के 100 साल के रिश्तों का वास्ता दिया. सोनिया की पंच लाइन थी- 'अपना बेटा सौंप के जा रही हूं, वो आपको निराश नहीं करेगा.' सोनिया गांधी से पहले गृह मंत्री अमित शाह ने रायबरेली में दूसरी रैली की. उन्होंने फिर विरासत पर सवाल उठाए और दावा किया कि विरासत वाला भ्रम 4 जून को खत्म हो जाएगा.


रायबरेली में क्या कहा सोनिया और शाह ने..


सोनिया गांधी कहा कि हमारा यहां से 100 साल का रिश्ता है. जैसे आपने 20 साल मुझे स्नेह दिया. मैं आपको अपना बेटा राहुल सौंपकर जा रही हूं. उसे भी ऐसे ही प्यार दीजिये. मैं कहूंगी कि वो आपको निराश नहीं करेगा. वहीं, अमित शाह ने कहा कि वो (कांग्रेस) कह रहे हैं कि रायबरेली और अमेठी की सीट हमारे परिवार की सीट है. मैं इनसे पूछना चाहता हूं कि इन्हें किसने विरासत में दी ये सीट? डंके की चोट पर कह रहा हूं कि अमेठी में स्मृति बहन और रायबरेली से दिनेश प्रताप सिंह जीतेंगे और ये दोनों सीट पीएम मोदी की झोली में जाने वाली हैं.


रायबरेली में होटलों की बुकिंग फुल


रायबरेली में शनिवार शाम को चुनाव प्रचार थम जाएगा और 20 को वोटिंग हो जाएगी. उसके बाद हो सकता है रायबरेली की रौनक भी थोड़ी कम हो जाए, क्योंकि इस वक्त MAIN ATTRACTION बन जाने से रायबरेली के बिज़नेस, उसके काम-धंधे में बहार है. रायबरेली में गिने-चुने 5-6 बड़े होटल हैं, जिनमें कई दिनों से बुकिंग फुल है. आमतौर पर लखनऊ और सुल्तानपुर पास होने से यूपी के नेता वहीं से आते हैं और लौट जाते हैं. होटलों के बाहर खड़ी ये गाड़ियां दूर के राज्यों के उन नेताओं की है, जिनकी पार्टी ने रायबरेली में ड्यूटी लगाई है. आम दिनों में 2 हज़ार रेंट वाले ये रूम इस वक्त साढ़े 3 हज़ार रुपये Per Day पर बुक हैं. इनके अलावा 20 के करीब छोटे होटल या कहें लॉज हैं. इनका भी किराया दोगुने के करीब हैं. ये और पहले से बुक हैं.


ढाबों पर भी भारी भीड़


शहर के भोजनालयों और आउटर सर्किल के ढाबों की भीड़ बता रही है कि बाहर से कितनी संख्या में पॉलिटिकल वर्कर आए हुए हैं. ग्राहकी अचानक से बढ़ी है, इसलिये काम के लिये एक्स्ट्रा वर्कर रखने पड़े हैं. यहां तक कि आलू-पूड़ी, छोटे-भटूरे के ठेलों और चाय की गुमटियों पर भी पहले से मुकाबले ज्यादा भीड़ है. जहां दस लोग बैठ जाएं वहां सिर्फ़ एक ही चर्चा है कि रायबरेली गांधी परिवार के पास ही रहेगी या फिर वही होगा, जैसा बीजेपी दावा कर रही है.


टैक्सी और ऑटो रिक्शा वालों की कमाई बढ़ी


रायबरेली में भीड़ के बढ़ने का असर टैक्सी और ऑटो रिक्शा वालों की कमाई पर भी दिख रहा है. हांलाकि इन लोगों ने होटल वालों की तरह किराया नहीं बढ़ाया है, लेकिन सवारियों के फेरे बढ़ जाने से दिनभर की कमाई में बड़ा जंप आया है. चुनावी प्रॉफिट पाने वालों में एक किरदार मिथुन भी है. जबसे राहुल गांधी ने मिथुन से शेव बनवाई है, वो और उसका न्यू मुंबा देवी हेयर कटिंग सैलून छाया हुआ है.