Robertsganj Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश की रॉबर्ट्सगंज संसदीय सीट के साथ एक गजब संयोग जुड़ा है. यहां चुनाव जीतने वालों के नाम में 'राम' या 'लाल' जरूर होता है. रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट का चुनावी इतिहास तो यही बताता है. रॉबर्ट्सगंज लोकसभा के वर्तमान सांसद अपना दल (सोनेलाल) के पकौड़ी लाल कोल हैं. 2019 में उन्होंने वह बीजेपी-अपना दल (सोनेलाल) गठबंधन के उम्मीदवार थे. तब उन्होंने सपा-बसपा के गठबंधन को मात दी थी. 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी-अपना दल (सोनेलाल) के सामने सपा और कांग्रेस का गठबंधन होगा. रॉबर्ट्सगंज सीट का अधिकांश इलाका सोनभद्र जिले में पड़ता है, एक विधानसभा क्षेत्र चंदौली जिले में है. सोनभद्र यूपी का इकलौता जिला है जिसकी सीमाएं चार राज्यों- बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और झारखंड से लगती हैं. प्राकृतिक संसाधनों के धनी इस इलाके में विकास की धारा अब तक पूरी ताकत से नहीं बह पाई है.


रॉबर्ट्सगंज लोकसभा चुनाव रिजल्ट


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रॉबर्ट्सगंज सीट पर लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण में, 01 जून को वोटिंग होगी. रॉबर्ट्सगंज लोकसभा चुनाव के नतीजे 04 जून को घोषित किए जाएंगे.


रॉबर्ट्सगंज लोकसभा क्षेत्र की जानकारी


रॉबर्ट्सगंज उत्तर प्रदेश में पड़ने वाली 80 लोकसभा सीटों में से एक है. यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. आदिवासी बहुल जिले में नक्सलवाद बड़ी समस्या है. रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट के दायरे में पांच विधानसभाएं- घोरावल, रॉबर्ट्सगंज, ओबरा (SC), दुद्धी (SC) और चकिया (SC) आती हैं. चकिया सीट चंदौली जिले में पड़ती है और बाकी चारों विधानसभाएं सोनभद्र जिले में. रॉबर्ट्सगंज लोकसभा क्षेत्र की पांचों विधानसभाओं पर भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) का कब्जा है.



रॉबर्ट्सगंज : अब तक के सांसदों की सूची


साल सांसद का नाम (पार्टी)
2019 पकौड़ी लाल कोल (अपना दल)
2014 छोटेलाल खरवार (बीजेपी)
2009 पकौड़ी लाल कोल (सपा)
2007 उपचुनाव भाई लाल कोल (बसपा)
2004 लाल चंद्र कोल (बसपा)
1999 राम शकल (बीजेपी)
1998 राम शकल (बीजेपी)
1996 राम शकल (बीजेपी)

रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट का जातीय समीकरण


रॉबर्ट्सगंज लोकसभा में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की बहुलता है. 2011 की जनगणना के मुताबिक, यहां SC वोटरों की संख्या 23.9% थी और ST 16.6% थे. यहां की अधिकतर आबादी ग्रामीण इलाकों में बसती है. साक्षरता के अभाव का असर वोटिंग प्रतिशत पर भी दिखाई देता है. पिछले आम चुनाव यानी 2019 में इस सीट पर 57.3% मतदान हुआ था.


पिछली बार यहां पर सपा और बसपा ने मिलकर चुनाव लड़ा था. इसके बावजूद, बीजेपी के समर्थन से लड़े अपना दल (सोनेलाल) के पकौड़ी लाल कोल को हरा नहीं पाए. इस बार सपा और कांग्रेस ने गठबंधन किया है, बसपा ने पत्‍ते नहीं खोले हैं. ऐसे में बीजेपी-अपना दल (सोनेलाल) की राह आसान हो सकती है.