रॉबर्ट्सगंज सीट का अधिकांश इलाका सोनभद्र जिले में पड़ता है, एक विधानसभा क्षेत्र चंदौली जिले में है. सोनभद्र यूपी का इकलौता जिला है जिसकी सीमाएं चार राज्यों- बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और झारखंड से लगती हैं. प्राकृतिक संसाधनों के धनी इस इलाके में विकास की धारा अब तक पूरी ताकत से नहीं बह पाई है. उत्तर प्रदेश की रॉबर्ट्सगंज संसदीय सीट के साथ एक गजब संयोग जुड़ा है. यहां चुनाव जीतने वालों के नाम में 'राम' या 'लाल' जरूर होता है. रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट का चुनावी इतिहास तो यही बताता है. रॉबर्ट्सगंज लोकसभा के वर्तमान सांसद अपना दल (सोनेलाल) के पकौड़ी लाल कोल हैं. 2019 में उन्होंने वह बीजेपी-अपना दल (सोनेलाल) गठबंधन के उम्मीदवार थे. रॉबर्ट्सगंज उत्तर प्रदेश में पड़ने वाली 80 लोकसभा सीटों में से एक है. यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. आदिवासी बहुल जिले में नक्सलवाद बड़ी समस्या है. रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट के दायरे में पांच विधानसभाएं- घोरावल, रॉबर्ट्सगंज, ओबरा (SC), दुद्धी (SC) और चकिया (SC) आती हैं. चकिया सीट चंदौली जिले में पड़ती है और बाकी चारों विधानसभाएं सोनभद्र जिले में. रॉबर्ट्सगंज लोकसभा क्षेत्र की पांचों विधानसभाओं पर भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) का कब्जा है. रॉबर्ट्सगंज लोकसभा में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की बहुलता है. 2011 की जनगणना के मुताबिक, यहां SC वोटरों की संख्या 23.9% थी और ST 16.6% थे. यहां की अधिकतर आबादी ग्रामीण इलाकों में बसती है. साक्षरता के अभाव का असर वोटिंग प्रतिशत पर भी दिखाई देता है. पिछले आम चुनाव यानी 2019 में इस सीट पर 57.3% मतदान हुआ था.
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