Dibrugarh Lok Sabha Chunav: असम की डिब्रूगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे सर्बानंद सोनोवाल (Sarbananda Sonowal) ने सियासी ककहरा छात्र राजनीति से सीखा. डिब्रूगढ़ में  उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत यूनिवर्सिटी कैंपस से हुई. सोनावाल की गिनती नॉर्थ-ईस्ट के कद्दावर नेताओं में होती है. सोनोवाल असम गण परिषद के स्टूडेंट विंग ऑल असम स्टूडेंट यूनियन (AASU) और पूर्वोत्तर के राज्यों में असर रखने वाले नॉर्थ इस्ट स्टुडेंट्स यूनियन (NESU) के अध्यक्ष रह चुके हैं.


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भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने से पहले सोनोवाल असम गण परिषद के सदस्य थे. 31 अक्टूबर 1962 को जन्में सोनोवाल सोशल मीडिया पर खासे एक्टिव रहते हैं. 19 अप्रैल को हुई वोटिंग में उनका भाग्य ईवीएम में कैद हो चुका है. सोनोवाल ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान सोशल मीडिया का बखूबी इस्तेमाल किया. सोशल मीडिया साइट एक्स (X) पूर्व में ट्विटर  पर उनके 1.1M Followers हैं. फेसबुक पर भी उन्हें लगभग इतने ही लोग फॉलो करते हैं. मेटा पर उनके चाहने वालों का आंकड़ा 1.1M followers है.


(सर्बानंद सोनोवाल का सोशल मीडिया स्कोर नीचे देखिए).


सर्बानंद सोनोवाल


2001 में असम गण परिषद के उम्मीदवार के रूप में ही वह सबसे पहले विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए और 2004 में उन्होंने पहली बार लोकसभा का चुनाव जीता था. 2011 में बीजेपी में आने के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. 2012 एवं 2014 में वो बीजेपी की असम इकाई के अध्यक्ष बने और फिर 2016 में वह राज्य के मुख्यमंत्री बने.


सर्बानंद सोनोवाल प्रोफाइल


सोनोवाल वर्तमान में असम से राज्यसभा सदस्य हैं. सर्बानंद सोनोवाल 2021 से नरेंद्र मोदी सरकार में बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग और आयुष मंत्री हैं. वो 2016 से 2021 तक असम के पूर्व मुख्यमंत्री रहे. सोनोवाल ने 2001 में असम के मोरन विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार जिबोनतारा घाटोवार को केवल 850 वोटों के अंतर से हराकर जीत हासिल की थी. सोनोवाल तब असम गण परिषद (AGP) के सदस्य थे. सोनोवाल ने 2016 और 2021 में माजुली से लगातार दो बार विधानसभा चुनाव जीता. सोनोवाल ने 2004 के लोकसभा चुनाव में डिब्रूगढ़ से AGP उम्मीदवार के रूप में BJP के कामाख्या प्रसाद तासा को 18,554 वोटों से हराया था. वो 2009 का संसदीय चुनाव हारे, तब उन्हें कांग्रेस कैंडिडेट पबन सिंह घटोवार ने 35,143 वोट से हराया था. 2014 के लोकसभा चुनाव में, सोनोवाल ने कांग्रेस उम्मीदवार रानी नाराह को 2,92,138 वोटों के भारी अंतर से हराया था. BJP ने 2024 के लोकसभा चुनाव में असम जैत्य परिषद (AGP) के लुरिनज्योति गोगोई के खिलाफ डिब्रूगढ़ से सोनोवाल को फिर से चुनावी सफर में उतारा है.


डिब्रूगढ़ सीट को जानिए


डिब्रूगढ़ लोकसभा सीट पर पहला लोकसभा चुनाव 1952 में हुआ. कांग्रेस प्रत्याशी जोगेंद्र नाथ हजारिका 1952 से लेकर 1967 तक लगातार चार बार यहां से सांसद रहे. आगे पबन सिंह घटोवार (कांग्रेस) लगातार 4 बार चुनाव जीते. 2014 का लोकसभा चुनाव डिब्रूगढ़ सीट से बीजेपी प्रत्याशी रामेश्वर तेली ने जीता था. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी पबन सिंह को 1 लाख 85 हजार 347 मतों से हराया था. रामेश्वर को कुल 4 लाख 94 हजार 364 वोट मिले थे, जबकि पबन सिंह को तीन लाख नौ हजार 17 वोट मिले थे. 2019 में बीजेपी के रामेश्वर तेली 6,59,583 वोट से जीते. 


डिस्क्लेमर: लीडर्स सोशल स्कोर (LSS) मशीन लर्निंग पर आधारित है. फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जुड़े 55 से ज्यादा पैरामीटर्स के आधार पर इसे निकाला गया है.