दक्षिणी राज्य तमिलनाडु (कुल 39 सीटें) को देखा जाए तो Axis my India exit polls के मुताबिक सीएम स्टालिन के नेतृत्व में डीएमके-इंडिया अलायंस को 26-30 सीटें मिलने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है.
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लोकसभा चुनावों के सभी सात चरणों का मतदान खत्म होने के बाद EXIT POLL का दौर शुरू हो गया है. दक्षिणी राज्य तमिलनाडु (कुल 39 सीटें) को देखा जाए तो Axis my India exit polls के मुताबिक सीएम स्टालिन के नेतृत्व में डीएमके-इंडिया अलायंस को 26-30 सीटें मिलने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है. बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए को 1-3 सीटें मिलने का अनुमान व्यक्त किया गया है. 2019 के चुनाव में डीएमके अलायंस को 39 में से 38 सीटें मिली थीं.
कच्चाथिवु के मुद्दे का क्या हुआ?
भाजपा के लिए इस बार तमिलनाडु की अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले चार महीनों में इस राज्य में 8 बार दौरा किया और अपने स्टार प्रत्याशी के अन्नामलाई के समर्थन में रोडशो भी किया. सिर्फ यही नहीं बीजेपी ने इस राज्य में अपनी पैठ बनाने के लिए कच्चाथिवु आइलैंड को श्रीलंका को दिए जाने का संवेदनशील मुद्दा उठाया. द्रविड़ राजनीति के लिए इस सेंसेटिव मुद्दे को उठाने के पीछे मकसद एमके स्टालिन के नेतृत्व में डीएमके-कांग्रेस गठबंधन के वोटरों को अपनी तरफ खींचना था.
बीजेपी की नजर
बीजेपी ने अपने दम पर 23 सीटों पर चुनाव लड़ा और 16 सीटें अपने सहयोगी दलों के लिए छोड़ी हैं. बीजेपी के राज्य इकाई के प्रमुख अन्नामलाई कोएंबटूर से चुनाव लड़ रहे हैं. पिछली बार इस सीट से सीपीएम के पीआर नटराजन जीते थे और और उनका वोट मार्जिन 14.6 प्रतिशत था. इसी तरह चिदंबरम, वेल्लोर, धर्मपुरी, थेनी और तिरुप्पुर में भी कांटे की लड़ाई है क्योंकि इन सीटों पर पिछली बार जीत-हार का अंतर 10% से भी कम रहा.
तमिलनाडु की सभी 39 सीटों पर 19 अप्रैल को पहले चरण में मतदान हुआ था.