Sultanpur Lok Sabha Election 2024:सुल्तानपुर में विपक्ष ने किया पलटवार, बीजेपी से वापस लिया अपना दुर्ग
Sultanpur Lok Sabha Election/Chunav 2024 News: सुल्तानपुर लोकसभा सीट कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी. उसके बाद इस पर बसपा का कब्जा रहा लेकिन बाद में बीजेपी ने इसे अपना दुर्ग बना लिया.
Sultanpur Lok Sabha Election 2024: यूपी की सुल्तानपुर लोकसभा सीट एक जमाने में कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी. उसके बाद इस सीट पर जनता दल और फिर बसपा ने कब्जा जमाया. लेकिन अपनी सधी हुई रणनीति से बीजेपी ने आखिरकार इन सभी को कुर्सी से हटाकर इस सीट को अपना अजेय दुर्ग बना लिया. अब आप इसे चाहे मोदी लहर कहें या बीजेपी वाले गांधी परिवार का करिश्मा, लेकिन 2014 में इस सीट से वरुण गांधी और 2019 में मेनका गांधी यहां से बड़ी जीत हासिल कर सांसद बने. अबकी बार प्रदेश में सपा- कांग्रेस का गठबंधन है और समझौते के तहत यह सीट सपा के पास चली गई है. ऐसे में इस सीट पर कब्जे के लिए बीजेपी, सपा और बसपा के बीच तिकोनी जंग नजर आ रही है.
सुल्तानपुर लोकसभा चुनाव रिजल्ट 2024
सुल्तानपुर लोकसभा सीट पर पहली बार चुनाव 1952 में हुए थे, जिसमें कांग्रेस के बीवी केसकर ने जीत हासिल की थी. इसके बाद लगातार 1976 तक कांग्रेस का इस सीट पर कब्जा बना रहा. इस सीट पर करीब 80 प्रतिशत हिंदू मतदाता हैं. वहीं 20 प्रतिशत आबादी मुस्लिम वोटर्स की है.
अब तक 17 बार हो चुके हैं चुनाव
सुल्तानपुर लोकसभा सीट पर अब तक 17 बार चुनाव हो चुके हैं, जिनमें से अब तक 8 बार कांग्रेस और 5 बार बीजेपी ने बाजी मारी है. जबकि बीएसपी 2 बार और जनता पार्टी व जनता दल 1- 1 बार जीत हासिल कर चुके हैं.
1976 तक कांग्रेस का रहा कब्जा
इस सीट पर पहली बार चुनाव 1952 में हुए थे, जिसमें कांग्रेस के बीवी केसकर ने जीत हासिल की थी. इसके बाद लगातार 1976 तक कांग्रेस का इस सीट पर कब्जा बना रहा. हालांकि उम्मीदवार नियमित रूप से बदलते रहे. इमरजेंसी लगने पर जनता कांग्रेस से रुठी और जनता पार्टी के जुल्फिकारुल्ला इस सीट से सांसद बने.
मंदिर आंदोलन से चमकी बीजेपी की किस्मत
देश में मंदिर आंदोलन तेज होने पर बीजेपी की किस्मत चमकी और वर्ष 1991 में पहली बार बीजेपी सुल्तानपुर लोकसभा सीट पर जीती. बीजेपी उम्मीदवार विश्वनाथ दास शास्त्री ने 1991 में जीत हासिल की, जबकि उसके बाद लगातार दो टर्म तक बीजेपी के ही देवेंद्र बहादुर राय यहां से एमपी रहे.
क्या मेनका गांधी को मिलेगा पार्टी टिकट
वर्ष 1999 और 2004 में इस सीट पर बीएसपी का कब्जा रहा. उसके बाद वर्ष 2009 में यह सीट कांग्रेस के पास चली गई और संजय सिंह सांसद बने. फिर वर्ष 2014 में वरुण गांधी और 2019 में मेनका गांधी यहां से सांसद बनीं. हालांकि उनकी जीत का अंतर केवल 10 हजार वोटों का था. ऐसे में इस बार उनकी सीट पर दावेदारी कमजोर नजर आ रही है.
20 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता निर्णायक
सुल्तानपुर जिले के सामाजिक समीकरणों की बात करें तो यहां पर करीब 80 प्रतिशत हिंदू मतदाता हैं. वहीं 20 प्रतिशत आबादी मुस्लिम वोटर्स की है. हालांकि हिंदू वोटर्स जातियों के आधार पर वोटिंग करते हैं, जिसके चलते उन्हें कभी भी एकमुश्त वोट बैंक के रूप में नहीं माना जाता.
4 असेंबली सीटों पर बीजेपी का कब्जा
सुल्तानपुर लोकसभा क्षेत्र में असेंबली की 5 सीटें आती हैं. इनके नाम कादीपुर (एससी), लम्भुआ, सुल्तानपुर सदर, सुल्तानपुर इसौली हैं. इनमें से 4 सीटों पर बीजेपी और एक पर सपा का कब्जा है. इस लिहाज से बीजेपी का पलड़ा भारी नजर आता है. हालांकि चुनाव का नतीजा क्या रहेगा, यह जनता का मिजाज तय करेगा.
सुलतानपुर लोकसभा सीट का इतिहास
वर्ष | विजेता | पार्टी |
2019 | मेनका गांधी | बीजेपी |
2014 | वरुण गांधी | बीजेपी |
2009 | संजय सिंह | कांग्रेस |
2004 | ताहिर खान | बसपा |
1999 | जयभद्र सिंह | बसपा |
सुल्तानपुर लोकसभा चुनाव 2024
पार्टी | उम्मीदवार | मिले वोट | विजेता |
बीजेपी | |||
सपा | |||
बसपा | |||
अन्य |