सुल्तानपुर लोकसभा सीट पर अब तक 17 बार चुनाव हो चुके हैं, जिनमें से अब तक 8 बार कांग्रेस और 5 बार बीजेपी ने बाजी मारी है. जबकि बीएसपी 2 बार और जनता पार्टी व जनता दल 1- 1 बार जीत हासिल कर चुके हैं. इस सीट पर पहली बार चुनाव 1952 में हुए थे, जिसमें कांग्रेस के बीवी केसकर ने जीत हासिल की थी. इसके बाद लगातार 1976 तक कांग्रेस का इस सीट पर कब्जा बना रहा. देश में मंदिर आंदोलन तेज होने पर बीजेपी की किस्मत चमकी और वर्ष 1991 में पहली बार बीजेपी सुल्तानपुर लोकसभा सीट पर जीती. बीजेपी उम्मीदवार विश्वनाथ दास शास्त्री ने 1991 में जीत हासिल की, जबकि उसके बाद लगातार दो टर्म तक बीजेपी के ही देवेंद्र बहादुर राय यहां से एमपी रहे. सुल्तानपुर जिले के सामाजिक समीकरणों की बात करें तो यहां पर करीब 80 प्रतिशत हिंदू मतदाता हैं. वहीं 20 प्रतिशत आबादी मुस्लिम वोटर्स की है. हालांकि हिंदू वोटर्स जातियों के आधार पर वोटिंग करते हैं, जिसके चलते उन्हें कभी भी एकमुश्त वोट बैंक के रूप में नहीं माना जाता. सुल्तानपुर लोकसभा क्षेत्र में असेंबली की 5 सीटें आती हैं. इनके नाम कादीपुर (एससी), लम्भुआ, सुल्तानपुर सदर, सुल्तानपुर इसौली हैं.
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