Vaishali Lok Sabha Chunav Result 2024: वैशाली लोकसभा सीट से सफल रही लोजपा, वीणा देवी ने 567043 वोट हासिल कर दर्ज की जीत
Vaishali Lok Sabha Chunav 2024 News: वैशाली संसदीय क्षेत्र 1977 में अस्तित्व में आया. यहां पर आम तौर पर राजपूत प्रत्याशी ही ज्यादा जीत हासिल करते रहे हैं. अब तक सिर्फ दो बार भूमिहार उम्मीदवार निर्वाचित हुए हैं. यानी राजनीति हमेशा अगड़ों के हाथ में रही है.
Vaishali Lok Sabha Chunav Result 2024: बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में वैशाली लोकसभा क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण रहा है. प्राचीन साम्राज्यों और धार्मिक स्थलों से जुड़ी होने के कारण वैशाली की एक समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत है. वैशाली को आधुनिक लोकतंत्र की जननी कहा जाता है. इसे जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर की जन्मस्थली के रूप में भी जाना जाता है. यहां आम तौर पर बीजेपी, जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस जैसे प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच मुख्य मुकाबला होता है.
लोकसभा चुनाव 2019 में कैसा था चुनावी हाल
वैशाली निर्वाचन क्षेत्र में किसान, मजदूर, युवा और विभिन्न समुदायों के लोग शामिल हैं. लोकसभा चुनाव 2019 में वैशाली लोकसभा क्षेत्र से लोजपा की वीणा देवी ने जीत हासिल की थीं. उन्होंने पांच बार के विजेता और राष्ट्रीय जनता दल के कद्दावर नेता रघुवंश प्रसाद सिंह को पराजित किया था. वीणा देवी सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी के लिए जानी जाती हैं. खास बात यह है कि यहां 1984 के बाद से अब तक कांग्रेस प्रत्याशी को जीत नहीं हासिल हुई है.
वैशाली लोकसभा क्षेत्र में मौजूदा सियासी समीकरण
वैशाली लोकसभा क्षेत्र में मिनापुर, कांटी, बरुराज, पारो, साहेबगंज और वैशाली छह विधानसभा सीट शामिल हैं. इनमें मुजफ्फरपुर जिले की विधानसभा सीट भी शामिल हैं. बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के नतीजे के मुताबिक इनमें से दो राजद, दो पर भाजपा और दो पर जदयू के विधायक हैं. लोकसभा चुनाव 2024 के लिए वैशाली में छठे चरण में 25 मई को वोट डाले जाएंगे. एनडीए गठबंधन में इस बार भी यह सीट लोजपा के खाते में गई है. विपक्षी इंडी गठबंधन से राजद का दावा मजबूत है.
वैशाली लोकसभा सीट का चुनावी इतिहास
वैशाली लोकसभा सीट से लगातार छह चुनावों में दिग्विजय नारायण सिंह पांच बार कांग्रेस और एक बार भारतीय लोकदल के टिकट पर जीते. 1980 के चुनाव में जनता पार्टी की उम्मीदवार रहीं किशोरी सिन्हा ने जीत दर्ज की. अगले चुनाव में किशोरी सिन्हा ने भी भारतीय लोकदल का दामन थामा और दूसरी बार जीत हासिल की. 1989 के चुनाव में मतदाताओं ने जनता दल की उषा सिन्हा और 1991 में इसी पार्टी के शिवशरण सिंह को चुनकर संसद भेजा.
बिहार पीपुल्स पार्टी के संस्थापक आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद 1994 में यहीं से संसद पहुंची थीं. इसके बाद इस सीट पर लगातार पांच बार रघुवंश बाबू जीतते रहे. 2014 में लोजपा के राम किशोर सिंह ने उन्हें एक लाख वोट से मात दी. 2019 में लोजपा से मैदान में उतरीं वीणा देवी ने रघुवंश बाबू को दो लाख से अधिक वोटों से पराजित कर दिया.
वैशाली लोकसभा क्षेत्र में राजनीति हमेशा अगड़ों के हाथ
वैशाली लोकसभा क्षेत्र से आम तौर पर राजपूत प्रत्याशी ही ज्यादा जीत हासिल करते रहे हैं. अब तक सिर्फ दो बार भूमिहार उम्मीदवार निर्वाचित हुए हैं. यानी राजनीति हमेशा अगड़ों के हाथ में रही है. यहां 16 लाख से ज्यादा मतदाता हैं. जिसमें आधे से ज्यादा पुरुष मतदाता हैं. वैशाली निर्वाचन क्षेत्र में ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के मिश्रण के साथ मिलीजुली आबादी है. यह अपनी कृषि अर्थव्यवस्था के लिए जाना जाता है, जिसमें चावल, गेहूं और गन्ना जैसी फसलें स्थानीय अर्थव्यवस्था में प्रमुख योगदान देती हैं.
ऐतिहासिक शहर वैशाली की क्या है खासियतें
महंगाई, बेरोजगारी जैसे आम मुद्दों के अलावा इस निर्वाचन क्षेत्र में प्रमुख मुद्दे बुनियादी ढांचे का विकास, सड़क संपर्क, शिक्षा सुविधाएं, स्वास्थ्य सेवाएं और स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता उपलब्ध कराना रहा है. इसके अलावा कृषि विकास, प्राथमिक शिक्षा, व्यापार के साधन और सामाजिक कल्याण जैसे मुद्दे भी प्रमुखथा से उठाए जाते हैं.
वैशाली की खासियत यह है कि यह एक ऐतिहासिक शहर रहा है. यहां पर बड़े शहर के उलट सामुदायिक रूप से सामाजिक व्यवस्था ज्यादा पसंद की जाती है. स्थानीय लोगों का मानना है कि उनके लिए दिल्ली या पटना जाने के बजाए उनके सांसद और विधायक तक पहुंच बनाना ज्यादा अच्छा है. इसलिए वे स्थानीय स्तर पर अपने जनप्रतिनिधियों से संपर्क स्थापित करने को ज्यादा महत्व देते हैं.
वैशाली लोकसभा क्षेत्र से अब तक चुने गए सांसद
1952: दिग्विजय नारायण सिंह, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1957: दिग्विजय नारायण सिंह, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1962: दिग्विजय नारायण सिंह, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1967: दिग्विजय नारायण सिंह, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1971: दिग्विजय नारायण सिंह, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1977: दिग्विजय नारायण सिंह, भारतीय लोक दल
1980: किशोरी सिन्हा, जनता पार्टी
1984: किशोरी सिन्हा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (इंदिरा)
1989: उषा सिन्हा, जनता दल
1991: शिव शरण सिंह, जनता दल
1994: लवली आनंद, समता पार्टी (उपचुनाव)
1996: रघुवंश प्रसाद सिंह, जनता दल
1998: रघुवंश प्रसाद सिंह, राष्ट्रीय जनता दल
1999: रघुवंश प्रसाद सिंह, राष्ट्रीय जनता दल
2004: रघुवंश प्रसाद सिंह, राष्ट्रीय जनता दल
2009: रघुवंश प्रसाद सिंह, राष्ट्रीय जनता दल
2014: राम किशोर सिंह, लोक जन शक्ति पार्टी
2019: वीना देवी, लोक जन शक्ति पार्टी