बैग चेकिंग पर बखेड़ा क्यों? जानिए क्या कहती है चुनाव आयोग की आचार संहिता
Maharashtra Chunav: बैग चेकिंग को लेकर उद्धव ठाकरे अधिकारियों के ऊपर भड़क गए. उन्होंने कड़ी प्रतिक्रिया दी और इसे उनकी पार्टी के खिलाफ साजिश बताया. ठाकरे ने कहा कि चुनाव आयोग विपक्षी दलों को निशाना बना रहा है.
Bag Checking Controversy: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इस समय चुनाव प्रचार के बीच सबसे ज्यादा जिस चीज की चर्चा है, वो है नेताओं के बैग और हेलीकॉप्टर की चेकिंग. ये चर्चा अब काफी आगे बढ़ चुकी है और भयंकर विवाद का विषय बन गई है. हुआ यह कि शिवसेना यूबीटी के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे का दो बार बैग और हेलीकॉप्टर चेक किया गया, जिससे यह मुद्दा गरमा गया है. उस्मानाबाद के औसा विधानसभा क्षेत्र में जब ठाकरे का हेलीकॉप्टर उतरा, तो चुनाव आयोग की टीम ने उनकी तलाशी ली. इससे पहले यवतमाल में भी उनके बैग की जांच की गई थी. उद्धव ने इसे लेकर आपत्ति जताई है और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं.
उद्धव ठाकरे अधिकारियों के ऊपर भड़क गए
असल में चेकिंग को लेकर उद्धव ठाकरे अधिकारियों के ऊपर भड़क गए. उन्होंने कड़ी प्रतिक्रिया दी और इसे उनकी पार्टी के खिलाफ साजिश बताया. ठाकरे ने कहा कि चुनाव आयोग विपक्षी दलों को निशाना बना रहा है. लेकिन दूसरी तरफ महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस तरह की चेकिंग को निष्पक्ष चुनाव का हिस्सा बताया. पवार ने अपने बैग चेकिंग का वीडियो भी सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसमें उन्होंने सहयोग का संदेश दिया और इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया का एक अहम हिस्सा बताया.
चुनाव आयोग का बयान और नियम
विवाद के बीच, चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि यह चेकिंग मानक संचालन प्रक्रिया SOP के तहत की जा रही है. आयोग का कहना है कि सभी राजनीतिक दलों के टॉप नेताओं के हेलीकॉप्टर और बैग की जांच की जाती है, चाहे वह किसी भी पार्टी से हों. आयोग ने बताया कि इससे पहले बीजेपी के जेपी नड्डा और अमित शाह के हेलीकॉप्टर भी चेक किए गए थे. आयोग ने जोर देकर कहा कि नियमों का पालन कराते हुए निष्पक्षता सुनिश्चित की जा रही है.
किसके बैग चेक नहीं होते?
आम तौर पर हवाई यात्रा के दौरान कुछ खास लोगों की तलाशी नहीं होती, जैसे राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यों के राज्यपाल, पूर्व राष्ट्रपति, और भारत रत्न धारक. कुछ समय पहले संसद में एक सरकारी बयान के मुताबिक 31 तरह के लोगों की सूची बताई गई थी जिनके बैग चेक नहीं होते. इसमें पीएम और राष्ट्रपति जैसी हस्तियां शामिल हैं. लेकिन चुनावी आचार संहिता लागू होने पर यह नियम बदल जाते हैं, और चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता के लिए सभी नेताओं के बैग और हेलीकॉप्टर की जांच की जाती है. यह कदम इसलिए उठाया जाता है ताकि कोई भी व्यक्ति नियमों का उल्लंघन न कर सके.
चेकिंग कोई नई बात नहीं
नेताओं के बैग चेकिंग का मामला नया नहीं है. चुनाव के दौरान कई बड़े नेताओं की चेकिंग हो चुकी है. हाल ही में देवेंद्र फडणवीस और नितिन गडकरी के हेलीकॉप्टर भी जांचे गए थे. आयोग का कहना है कि हर चुनाव में यह प्रक्रिया अपनाई जाती है ताकि सभी पक्षों को समान अवसर मिले और स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित हो सके.