Vidhan Sabha Election Campaign: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान सोमवार को समाप्त हो गया है, और राज्य की सभी 288 सीटों पर 20 नवंबर को मतदान होगा. वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी. इसके साथ ही, झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण की 38 सीटों पर भी सोमवार शाम को प्रचार समाप्त हो गया. इन सीटों पर भी 20 नवंबर को मतदान होगा, जिसमें संथाल परगना और उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल की 18-18 सीटें तथा दक्षिणी छोटानागपुर की 2 सीटें शामिल हैं. इस चरण में 8 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए, 3 अनुसूचित जाति के लिए और 27 सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित हैं. वहीं, उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए भी सोमवार शाम को प्रचार समाप्त हो गया, और इन सीटों पर भी 20 नवंबर को मतदान होगा. 


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अपने-अपने उम्मीदवारों के लिए प्रचार..
असल में महाराष्ट्र चुनाव प्रचार के दौरान नरेन्द्र मोदी, अमित शाह, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाद्रा और कई केंद्रीय मंत्रियों समेत प्रमुख नेताओं ने अपने-अपने दलों के उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया. भाजपा, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का गठबंधन ‘महायुति’, महिलाओं के लिए माझी लाडकी बहिन जैसी अपनी लोकप्रिय योजनाओं के दम पर सत्ता बरकरार रखने की उम्मीद कर रहा है. 


‘बंटेंगे तो कटेंगे’ और ‘एक हैं तो सेफ हैं’ जैसे नारों को लेकर
बीजेपी के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ और ‘एक हैं तो सेफ हैं’ जैसे नारों को लेकर विपक्षी दलों ने महायुति पर धार्मिक आधार पर मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने का आरोप लगाया. कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राकांपा (शरदचंद्र पवार) के गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ और प्रधानमंत्री मोदी के ‘एक हैं तो सेफ हैं’ नारे की आलोचना की. भाजपा के कुछ सहयोगियों ने हालांकि इन नारों का समर्थन नहीं किया. 


आधारित जनगणना, सामाजिक न्याय और संविधान की रक्षा 
एमवीए ने जाति आधारित जनगणना, सामाजिक न्याय और संविधान की रक्षा जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करके सत्तारूढ़ गठबंधन के विमर्श का मुकाबला किया. विपक्ष का लक्ष्य उन मतदाताओं से अपील करना था जो सरकार की तरफ से उपेक्षित महसूस कर रहे हैं. वर्ष 2019 के राज्य विधानसभा चुनावों की तुलना में इस बार उम्मीदवारों की संख्या में 28 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इस साल 4,136 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि 2019 में यह संख्या 3,239 थी. 


वोटों की गिनती 23 नवंबर को
इन उम्मीदवारों में 2,086 निर्दलीय हैं. 150 से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों में बागी उम्मीदवार मैदान में हैं. ये बागी उम्मीदवार महायुति और एमवीए के आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. पंजीकृत मतदाताओं की संख्या बढ़कर 9,63,69,410 हो गई है, जो 2019 में 8,94,46,211 थी. महाराष्ट्र में इस बार 1,00,186 मतदान केंद्र होंगे, जबकि 2019 के विधानसभा चुनाव में 96,654 मतदान केंद्र थे. मतदाताओं की संख्या में वृद्धि के कारण मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ाई गई है. राज्य सरकार के करीब छह लाख कर्मचारी चुनाव ड्यूटी पर तैनात होंगे. वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी.