Options for BJP in Jammu Kashmir: जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद हुए असेंबली चुनावों के असल नतीजे 8 अक्टूबर को सामने आएंगे. लेकिन उससे पहले एग्जिट पोल के रिजल्ट सामने आ चुके हैं. अधिकतर एग्जिट पोल में प्रदेश में त्रिशंकु विधानसभा की आशंका जताई गई है. इनके मुताबिक एनसी और कांग्रेस का गठबंधन हालांकि पहले नंबर पर होगा लेकिन वह स्पष्ट बहुमत से दूर रह जाएगा. जबकि प्रदेश में पहली बार अपनी सरकार बनाने की कोशिश कर रही बीजेपी स्पष्ट बहुमत से दूर रह जाएगी. तो क्या वाकई बीजेपी का ख्वाब, ख्वाब ही रह जाएगा या वह जम्मू कश्मीर में अपनी सरकार बनाने में कामयाब हो पाएगी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

लूपहोल का फायदा उठा सकती है बीजेपी


राजनीतिक पंडितों के मुताबिक कई ऐसे छोटे- छोटे लूपहोल हैं, जिनके जरिए बीजेपी प्रदेश में अपनी सरकार बनाने में कामयाब हो सकती है. वे आंकड़े बताते हुए कहते हैं कि प्रदेश की असेंबली में निर्वाचित विधायकों की कुल 90 सीटें हैं, जिनमें से 62 पर बीजेपी ने इस बार चुनाव लड़ा है. जबकि बाकी सीटें खास रणनीति के तहत खाली छोड़ दी गई. इस तरह छोड़ी गई अधिकतर सीटें कश्मीर घाटी में हैं.


जम्मू में एकतरफा लहर चलने की उम्मीद


सूत्रों के मुताबिक बीजेपी जम्मू क्षेत्र की 43 सीटों में से 28-35 सीटों पर जीत का अनुमान लगा रही है. वहीं कश्मीर क्षेत्र की 47 में से 10-12 सीटों पर उसे निर्दलीयों की जीत की उम्मीद है. माना जा रहा है कि खास रणनीति के तहत बीजेपी ने ही इन निर्दलीयों को चुनाव में खड़ा किया था. ऐसे में अगर वे जीत जाते हैं तो बीजेपी को उन्हें अपने साथ मिलाने में खास परेशानी भी नहीं होगी. 


बागी कांग्रेस प्रत्याशियों से बड़ी उम्मीदें


राजनीतिक एक्सपर्टों का कहना है कि इन दो तरीकों से बीजेपी 42 के आसपास पहुंच सकती है. जबकि राज्य में सरकार बनाने के लिए जीत का आंकड़ा 48 है. ऐसे में वह बची सीटों की कमी जम्मू क्षेत्र में कांग्रेस के संभावित बागी प्रत्याशियों की जीत से पूरा करने की कोशिश कर सकती है. इसके लिए वह अभी से इन प्रत्याशियों के संपर्क में है, जिससे रिजल्ट के बाद उन्हें अपने साथ जोड़ने में दिक्कत न हो. 


बीजेपी के हाथ में तुरुप का बड़ा इक्का


सूत्रों के कहना है कि बीजेपी के हाथ में एक तुरुप का इक्का भी है. असल में मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के साथ ही पहली बार पीओके और पश्चिम पंजाब से आने वाले शरणार्थियों के लिए 5 सीटें रिजर्व घोषित की हैं. इन पांचों को सीटों को एलजी मनोनयन के जरिए भरेंगे. इस तरह चुने जाने वाले विधायकों को असेंबली में वोटिंग समेत वे सभी अधिकार हासिल होंगे, जो एक निर्वाचित एमएलए के पास होते हैं. 


क्या सरकार बनाने का बीजेपी का पूरा होगा ख्वाब?


ऐसे में जाहिर है कि जब सदन में बहुमत साबित करने की बारी आएगी तो उनका झुकाव स्वभाविक रूप से बीजेपी के प्रति होगा. जिससे असेंबली में बीजेपी की 5 सीटें एकदम से बढ़ जाएंगी और बीजेपी का जम्मू कश्मीर में सरकार बनाने का सपना पूरा हो सकेगा. हालांकि ये सब आकलन भर हैं और इन्हें असली नतीजों का अनुमान नहीं लगाया जा सकता. फिर भी इनसे यह जरूर आभास हो जाता है कि बीजेपी के हाथ में कौन- कौन से पत्ते हैं, जिनसे वह 8 अक्टूबर के बाद राज्य में खेला कर सकती है.