Priyanka Gandhi Vadra Wayanad by-election News: केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर हो रहा उपचुनाव कई मायनों में खास हो गया है. इस सीट के जरिए नेहरू-गांधी परिवार का एक और मेंबर चुनावी राजनीति में कदम रखने जा रहे हैं. राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद खाली हुई इस सीट पर कांग्रेस ने जहां प्रियंका गांधी वाड्रा को उतारा है. वहीं बीजेपी ने पूर्व पार्षद नव्या हरिदास और एलडीएफ ने सत्यन मोकेरी को टिकट दिया है. प्रियंका गांधी ने आज रविवार को वायनाड में रैली कर मोदी सरकार पर निशाना साधा.


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'मोदी सरकार केवल बिजनेसमैन दोस्तों के लिए कर रही काम'


प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, मोदी जी की सरकार सिर्फ अपने बड़े बिजनेसमैन दोस्तों के लिए काम करती है. उनका मकसद आपको बेहतर जिंदगी देना नहीं है. नई नौकरियां ढूंढना नहीं है. यह बेहतर स्वास्थ्य या शिक्षा पहल और कार्यक्रम प्रदान करने के लिए नहीं है. यह केवल किसी भी तरह से सत्ता में बने रहने के लिए है और वे साधन आपको विभाजित कर रहे हैं, क्रोध फैला रहे हैं, आपके बीच नफरत फैला रहे हैं..."



केरल की एलडीएफ सरकार पर नहीं साधा निशाना


प्रियंका गांधी ने लोगों से एकजुट होकर कांग्रेस को मजबूत करने और उन्हें जिताने की अपील की. उन्होंने कहा कि लोकसभा पहुंचने के बाद वे सदन में वायनाड की आवाज बनेंगी. अपने संबोधन में कांग्रेस नेता ने केरल में सत्तारूढ़ वामपंथी सरकार पर नरमी बनाए रखी और उस पर कोई हमला नहीं बोला. राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक, वायनाड मुस्लिम बहुल सीट है. ऐसे में कांग्रेस ने खास रणनीति के तहत केवल बीजेपी को टारगेट पर रखने का फैसला किया है, जिससे उसे चुनाव में खास समुदाय के वोट एकतरफा मिल सकें.


राहुल गांधी के इस्तीफे से खाली हुई सीट


बताते चलें कि इस साल जून में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वायनाड और रायबरेली, दोनों सीटों पर जीत हासिल की थी. उन्होंने चुनाव में सीपीआई की एनी राजा और बीजेपी के के. सुरेंद्रन को सीधे मुकाबले में हराया था. वे 2019 में भी इस सीट पर जीते थे. हालांकि इस बार उन्होंने सोच-विचार के बाद यूपी की रायबरेली सीट कायम रखी और वायनाड सीट से इस्तीफा दे दिया.


क्या भाई राहुल गांधी का रिकॉर्ड तोड़ पाएंगीं?


उनके इस्तीफे की वजह से खाली हुई वायनाड सीट पर अब उपचुनाव होने जा रहा है. पहाड़ियों से घिरी इस सीट पर 13 नवंबर को मतदान होने जा रहा है और 23 नवंबर को रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा. राहुल गांधी ने इस बार के लोकसभा चुनाव में 6 लाख से ज्यादा वोट हासिल किए थे. ऐसे में राजनीतिक पंडितों की निगाहें इस बात की ओर हैं कि प्रियंका गांधी क्या लोकप्रियता के मामले में अपने भाई को रिकॉर्ड को तोड़ पाती हैं या नहीं.