Maharashtra Elections 2024: `सरकार बनी तो एक भी मस्जिद में नहीं होगा लाउडस्पीकर`, चुनाव के बीच राज ठाकरे का `हिंदुत्व कार्ड`
Raj Thackeray Hindutva card: महाराष्ट्र में चुनाव की सरगर्मी के बीच मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने अपने आक्रामक हिंदुत्व एजेंडे के जरिए जोरदार प्रचार अभियान शुरू किया है.
Raj Thackeray Hindutva card: महाराष्ट्र में चुनाव की सरगर्मी के बीच मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने अपने आक्रामक हिंदुत्व एजेंडे के जरिए जोरदार प्रचार अभियान शुरू किया है. राज ठाकरे ने मस्जिदों के लाउडस्पीकर के मुद्दे को उठाकर सीधे अपने भाई उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है. उन्होंने अपने समर्थकों को आश्वासन दिया कि अगर उनकी सरकार बनी, तो राज्य की एक भी मस्जिद में लाउडस्पीकर नहीं बजेंगे.
मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकरों को बंद करवा दिया जाएगा
चुनावी मंचों से राज ठाकरे लगातार मस्जिदों के लाउडस्पीकर के मुद्दे पर तीखे बयान दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में उनकी सरकार बनते ही मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकरों को बंद करवा दिया जाएगा. यह बयान न केवल हिंदुत्व एजेंडे को मजबूती देने के लिए है, बल्कि विपक्ष, खासकर उद्धव ठाकरे और उनकी पार्टी शिवसेना (यूबीटी) पर निशाना साधने का एक तरीका भी है.
पहले भी उठा चुके हैं मांग
राज ठाकरे का कहना है कि यह मांग नई नहीं है. उन्होंने पहले भी शिवसेना और महाविकास अघाड़ी की सरकार के दौरान मस्जिदों के लाउडस्पीकरों को हटाने की मांग की थी. उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर लाउडस्पीकर नहीं हटाए गए, तो उनके समर्थक मस्जिदों के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे. उस समय उनकी इस मांग को नजरअंदाज किया गया और उनके समर्थकों पर कई मुकदमे दर्ज किए गए थे.
महाविकास अघाड़ी मुस्लिम वोटरों को संगठित करने की कोशिश कर रही
राज ठाकरे ने चुनावी सभाओं में यह भी आरोप लगाया कि महाविकास अघाड़ी मुस्लिम वोटरों को संगठित करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि मौलाना मुस्लिम वोटरों को एक फतवे के जरिए महाविकास अघाड़ी को वोट देने के लिए निर्देशित कर रहे हैं, जबकि हिंदू वोट बंटा हुआ है. उनका कहना है कि इस प्रकार के ध्रुवीकरण से हिंदू वोट का बंटवारा होता है.
योगी की राह पर राज ठाकरे
राज ठाकरे का बयान सीधे तौर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भाषा और उनके एजेंडे से मेल खाता है. जिनका जोर हमेशा हिंदू वोटों को संगठित करने पर रहता है. ठाकरे का इशारा साफ था कि अगर हिंदू वोट बंटे तो सत्ता में उनकी हिस्सेदारी घट सकती है. इस चुनावी रणनीति का मकसद हिंदू वोटरों को संगठित करना है ताकि विपक्ष पर बढ़त बनाई जा सके.
पवन खेड़ा ने राज ठाकरे को घेरा
उधर, कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने राज ठाकरे के इन बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह चुनावी हथकंडे हैं. उनका कहना है कि धर्म और ध्रुवीकरण के मुद्दों का चुनावी इस्तेमाल वोट बटोरने का प्रयास मात्र है. इसके साथ ही महाविकास अघाड़ी ने भी ठाकरे की इस बयानबाजी को राजनीतिक साजिश करार दिया.
मुस्लिम नेताओं ने भी किया पलटवार
राज ठाकरे के लाउडस्पीकर बयान पर मुस्लिम समुदाय के कुछ नेताओं ने भी कड़ा पलटवार किया. मौलाना कासमी ने सवाल उठाया कि राज ठाकरे को केवल मस्जिदों में ही लाउडस्पीकर की समस्या क्यों दिखती है. उनका कहना है कि धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता का सम्मान करना सभी का कर्तव्य है और इस तरह के बयान समुदायों के बीच दरार पैदा कर सकते हैं.
ध्रुवीकरण की राजनीति तेज
महाराष्ट्र चुनाव के मद्देनजर ध्रुवीकरण की राजनीति तेज हो गई है. राज ठाकरे के हिंदुत्व कार्ड ने महाराष्ट्र के मतदाताओं में एक नई बहस छेड़ दी है. महायुति गठबंधन और उनके सहयोगी पार्टियां अब इस चुनावी माहौल में हिंदू मतदाताओं को संगठित करने की कोशिश में हैं, ताकि विपक्ष पर चुनावी बढ़त बनाई जा सके.