Who is Naresh Meena: देश के कई हिस्सों में उपचुनाव जारी है. इसी कड़ी में राजस्थान के देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जहां कांग्रेस के बागी नेता और निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने मालपुरा में तैनात एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया. यह घटना तब हुई जब समरावता गांव में ग्रामीणों ने अपनी मांग के समर्थन में मतदान का बहिष्कार कर रखा था. नरेश मीणा ने वहां पहुंचे एसडीएम का कॉलर पकड़ते हुए थप्पड़ मार दिया. वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. टोंक जिला निर्वाचन अधिकारी सौम्या झा ने भी मामले की पुष्टि की है.


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कैसे और क्यों हुई घटना ?
असल में यह घटना समरावता मतदान केंद्र पर हुई, जहां ग्रामीण कथित तौर पर वोट डालने से इनकार कर रहे थे. ग्रामीणों की मांग थी कि उनके गांव को नगर फोर्ट तहसील से हटाकर उनियारा तहसील में शामिल किया जाए. यह मुद्दा चुनाव के दौरान उभरकर सामने आया और जिला प्रशासन ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया था कि उपचुनाव के बाद इस पर विचार किया जाएगा. जब एसडीएम अमित चौधरी ग्रामीणों को समझाने पहुंचे तभी नरेश मीणा ने उन पर हमला कर दिया. नरेश का आरोप था कि एसडीएम ने चुपके से तीन लोगों से मतदान करवा दिया.


कौन हैं नरेश मीणा?
कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे नरेश मीणा की पहचान सचिन पायलट के समर्थक और बड़े कांग्रेस नेता के रूप में होती थी. हालांकि टिकट न मिलने के बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया, जिससे उनकी छवि बागी नेता की बन गई. इस घटना ने न सिर्फ चुनावी माहौल गरमा दिया है, बल्कि टोंक जिले में जाट समाज में भी आक्रोश देखा जा रहा है. एसडीएम अमित चौधरी, जो जाट समाज से आते हैं, पर हमला होने के बाद कई स्थानों पर नरेश मीणा के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं और उनके पोस्टर जलाए जा रहे हैं.



घटना के बाद क्या बोले 'नेताजी'


इस पूरे घटनाक्रम पर नरेश मीणा ने अपना स्पष्टीकरण भी जारी किया है. उन्होंने एक वीडियो में कहा कि वे दो घंटे से धरने पर बैठे थे और एसडीएम ने कर्मचारियों के जरिए तीन लोगों से चुपके से मतदान करवाया, जिससे ग्रामीण भड़क गए. मीणा ने कहा कि उन्होंने जनता की मांग को प्रशासन तक पहुंचाने के लिए यह कदम उठाया और उनका उद्देश्य 100% मतदान कराना है.