Haryana Election Result 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम से कांग्रेस को बहुत उम्मीदें थीं. चुनावी नतीजे जब सामने आए तो पार्टी को गहरा धक्का लगा. तमाम एग्जिट पोल के अनुमान धरे के धरे रह गए. 10 साल से हरियाणा की सत्ता पर काबिज भाजपा को कांग्रेस नहीं हटा पाई. चुनावी पंडितों की गणित भी फेल हो गई. राज्य में एक बार फिर भाजपा ने बहुमत के जादुई आंकड़े को पार कर लिया और कांग्रेस एक बार फिर खाली हाथ रह गई. कांग्रेस की हार को लेकर अब पार्टी के अंदर ही विवाद गहराने के संकेत मिल रहे हैं. कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा के बयान से साफ झलक रहा है कि वे पार्टी के लोगों पर हार का ठीकरा फोड़ रही हैं. आइये आपको बताते हैं कुमारी सैलजा ने क्या कहा..


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सैलजा ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार को निराशाजनक करार दिया और कहा कि पार्टी को उन लोगों की पहचान करनी चाहिए. जिन्होंने उसे (पार्टी को) सत्ता में लाने के प्रयासों को विफल किया. उन्होंने यह भी कहा कि अब नए सिरे से सोचना होगा और चीजें जैसी चल रही हैं, वैसी नहीं चलेंगी. 


सिरसा से लोकसभा सदस्य सैलजा ने कहा, "नतीजे निराशाजनक हैं. हमारे कार्यकर्त्ता बहुत निराश हैं...अब नए सिरे से आगे सोचना होगा , चीजें जैसी चल रही हैं, वैसी नहीं चलेंगी." उन्होंने कहा कि कांग्रेस को उन लोगों की पहचान करनी चाहिए, जिन्होंने 10 साल बाद पार्टी को सत्ता में लाने के प्रयासों को विफल कर दिया. 


बता दें कि हरियाणा में भाजपा सबसे बड़े दल के तौर पर जीत की 'हैट्रिक' की ओर अग्रसर है. जून में लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद हुए पहले विधानसभा चुनाव में एग्जिट पोल एक बार फिर गलत साबित हुए और नतीजे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए मिले-जुले रहे. कांग्रेस के लिए यह झटका साबित हुए. इस साल के अंत में महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ये नतीजे जहां भाजपा के लिए मनोबल बढ़ाने वाले हैं,वहीं कांग्रेस के लिए ये भारी निराशा वाले प्रतीत होते हैं. 


कांग्रेस लोकसभा के नतीजों से मिली बढ़त को बरकार रखने की उम्मीद कर रही थी. हरियाणा में सुबह के रुझानों में हालांकि वह आगे थी और उत्साही नेताओं ने मिठाइयां भी बांटनी शुरू कर दी थी. हरियाणा में अपने शीर्ष नेतृत्व में कथित कलह से जूझ रही कांग्रेस को सत्ता में आने की उम्मीद थी. लेकिन वह राज्य में महज 35 सीट पर जीत या बढ़त बनाए हुए है. जो पिछली बार की तुलना में सात अधिक है, लेकिन सरकार बनाने के लिए जरूरी 46 सीट से काफी कम है.


(एजेंसी इनपुट के साथ)