Bollywood Trend: दर्शकों को सिनेमाघर में लाने के लिए बॉलीवुड दे रहा लॉलीपॉप, कहीं और फिल्में न होने लगें फ्लॉप
Shehzada Kartik Aryan: बॉलीवुड लगातार परेशान है कि दर्शक सिनेमाघरों में नहीं आ रहे. पठान के बाद रिलीज कार्तिक आर्यन की शहजादा को पहले ही दिन झटका लगा. लेकिन निर्माता दर्शकों के सामने नए-नए ऑफर पेश कर रहे हैं. सस्ती दर के टिकट से लेकर एक पर एक फ्री. मगर क्या इससे समस्या खत्म होगीॽ
Shehzada Box Office Collection: पठान की सफलता में झूम रहे बॉलीवुड के माथे पर एक बार फिर से शिकन पड़ने लगी है. शुक्रवार को रिलीज कार्तिक आर्यन स्टारर शहजादा पहले दिन 5.75-6 करोड़ नेट के आस-पास ही कलेक्शन कर पाई. पिछले साल कार्तिक की भूल भुलैया की 200 करोड़ की सफलता के हिसाब से यह बहुत खराब परफॉर्रमेंस है. लेकिन यह भी साफ है फिल्म को हॉलीवुड फिल्म एंटमैन के साथ-साथ चौथे हफ्ते में आ गई पठान से कड़ी टक्कर मिल रही है. इन फिल्मों कों सामने देखते हुए शहजादा ने रिलीज से कुछ घंटे पहले स्थिति संभालने के लिए एडवांस बुकिंग पर एक टिकट मुफ्त ऑफर के साथ कुछ रफ्तार पकड़ी थी, लेकिन थोड़ी देर में वह फीकी पड़ गई और कलेक्शन धीमा हो गया.
कैसे निकलेगा ठोस नतीजा
उधर पठान ने भी चाल चली थी कि शुक्रवार को उसने अपने सारे टिकट 110 रुपये के कर दिए. जबकि शनिवार-रविवार के लिए इस फिल्म के टिकट 200 रुपये फिक्स कर दिए गए. असल में कोरोना के बाद दर्शकों को सिनेमा घरों में लाने के लिए यह बॉलीवुड का लॉलीपॉप है. लेकिन सवाल यह है कि क्या यह बॉलीवुड की समस्या का समाधान हैॽ ऐसा पहले भी कई बार देखा गया है कि कम कीमत के टिकट की दर पर भी लोग सिनेमाघर तक नहीं पहुंच पाते. कोई ठोस नतीजा नहीं निकलता. पिछले साल और इस साल भी मल्टीप्लेक्सों ने मिलकर या फिर किसी मल्टीप्लेक्स चेन ने अपने यहां दर्शकों को बुलाने के लिए किसी एक दिन टिकटों की दर घटा दी. लेकिन इससे कोई फायदा नहीं दिख रहा है.
असली समस्या यह है
फिल्म ट्रेड के जानकार मान रहे हैं कि टिकट की कीमत कम करना या एक पर एक फ्री टिकट देने का आइडिया बॉलीवुड के लिए काम नहीं कर रहा है. इस तरह के ऑफर जितनी जल्दी बंद हो जाएं, बॉलीवुड के लिए बेहतर है क्योंकि यह लंबे समय में खतरनाक हो सकता है. अगर दर्शकों ने ऐसे ऑफर की प्रतीक्षा करना शुरू दी, तो आगे मुश्किल हो जाएगी. लोग समझ जाएंगे कि पठान जैसी बड़ी फिल्म में भी दो-तीन हफ्ते बाद ऑफर आएंगे, तो वे शुरू में फिल्म नहीं देखेंगे. या फिर जिन फिल्मों के लिए एक पर एक फ्री वाला ऑफर नहीं रहा, तो दर्शक नहीं जाएंगे. वे इंतजार करेंगे कि ऐसे ऑफर का. बॉलीवुड के लिए सबसे जरूरी यही है कि वह अच्छी कहानियों पर फिल्म बनाए, मेकर्स स्क्रिप्ट चुनें, सीमित बजट में अच्छा प्रोडक्ट सिनेमाघरों में लाएं. वर्ना ऑफर के चक्कर में ज्यादा फिल्में फ्लॉप होने लगेंगी. यह भी अब सबको पता है कि रिलीज के आठ हफ्ते बाद फिल्म ओटीटी पर तो आएगी ही.
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