Madhubala Films: इस बात में शायद ही किसी को कोई संदेह हो कि हिंदी सिनेमा के पर्दे पर मधुबाला से बढ़कर कोई खूबसूरत चेहरा नहीं आया. वह सुंदर होने के साथ अच्छी एक्ट्रेस भी थीं. मात्र नौ साल की उम्र में उन्होंने फिल्मों में काम करना शुरू किया और केवल 14 साल की उम्र में पहली बार बतौर हीरोइन पर्दे पर नजर आईं. फिल्म थी, नीलकमल (1947) और हीरो थे राज कपूर. 22 साल के करियर में मधुबाला ने 70 से अधिक फिल्मों में काम किया और हिंदी फिल्मों की टॉप एक्ट्रेस बनीं. आज भी वह महल, दुलारी, बेकसूर, तराना, अमर, मिस्टर एंड मिसेज 55, चलती का नाम गाड़ी, हावड़ा ब्रिज और मुगल-ए-आजम में अपनी भूमिकाओं के लिए याद की जाती हैं.


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चर्चा हॉलीवुड तक
ऐसा नहीं है कि सिर्फ हिंदी के दर्शक ही मधुबाला के हुस्न के दीवाने थे. उनकी खूबसूरती की चर्चा उस दौर में हॉलीवुड तक पहुंच गई थी. हॉलीवुड के चर्चित फोटोग्राफर जेम्स ब्रूक जब भारत आए थे तो उन्होंने लाइफ मैग्जीन के लिए मधुबाला का एक लंबा फोटोशूट किया था. तब इस पत्रिका ने मधुबाला की तमाम तस्वीरें प्रकाशित करते हुए लिखा था कि वह इंटरनेशनल फिल्म इंडस्ट्री के सबसे बड़े सितारों में हैं. कई लोग मधुबाला की तुलना हॉलीवुड की सबसे हसीन एक्ट्रेस कहलाने वाली मर्लिन मुनरो से करते हैं. मर्लिन की तरह ही मधुबाला न केवल बहुत खूबसूरत थीं, बल्कि उनकी जिंदगी भी इस हॉलीवुड एक्ट्रेस की तरह ट्रेजडी से भरी थी. दोनों का जीवन कम उम्र में ही खत्म हो गया. दोनों अपने जीवन में प्यार के लिए तरसती रहीं.


काम की शर्तें
मधुबाला भी हॉलीवुड फिल्मों की शौकीन थीं. उस दौर में जब दुनिया भर से एक्टर-डायरेक्टर हॉलीवुड में पहुंच रहे थे, तब तीन बार ऑस्कर जीत चुके इटैलियन-अमेरिकी निर्देशक फ्रेंक काप्रा भारत आए थे. अपनी यात्रा के दौरान काप्रा ने मुंबई में मधुबाला से मुलाकात करके कहा था कि वह उन्हें अपनी हॉलीवुड में फिल्म में लेना चाहते हैं. इतने बड़े निर्माता-निर्देशक से मिले ऑफर को कोई भी नहीं ठुकराता परंतु मधुबाला की किस्मत में हॉलीवुड फिल्में नहीं थीं. इसकी वजह थे, उनके पिता. मधुबाला के पिता अताउल्ला खान अपनी बेटी पर पूरा नियंत्रण रखते थे. किसी भी फिल्म में मधुबाला काम करे, लेकिन काम की शर्तें अताउल्ला खान तय करते थे. जिसमें एक शर्त यह होती थी कि मधुबाला मुंबई से बाहर कही आउटडोर शूटिंग पर नहीं जाएंगी. बहुत जरूरी होने पर गईं भी तो उनके साथ पिता समेत परिवार का कौन-कौन सदस्य उनके साथ रहेगा. ऐसे में यह संभव ही नहीं था कि अताउल्ला खान मधुबाला को सात समुंदर पार अमेरिका जाने की इजाजत देते.