Dilip Kumar Film: मनोज कुमार का नाम 1960-70 के दशक के नामी सितारों में लिया जाता है. उनके बारे में यह बात आम है कि वह फिल्मों में दिलीप कुमार की वजह से आए. उन्होंने बचपन में एक फिल्म देखी थी ‘शबनम’, जिसमें दिलीप कुमार और कामिनी कौशल की मुख्य भूमिकाएं थी. फिल्म में दिलीप कुमार के किरदार का नाम था, मनोज. फिल्म देखकर मनोज कुमार इतने प्रभावित हुए कि अपना नाम ही मनोज कुमार रख लिया. जबकि उनका असली नाम था, हरिकिशन गिरि गोस्वामी. मनोज कुमार, दिलीप कुमार को अपना आदर्श मानते थे. कई बार उन्होंने कुबूल किया है कि आज वह जहां हैं सिर्फ दिलीप कुमार की वजह से. दिलीप कुमार भी मनोज कुमार को काफी मानते थे. हालांकि दोनों ने सिर्फ दो ही फिल्मों में साथ में काम किया, पहली आदमी और दूसरी क्रांति. क्रांति को मनोज कुमार ने ही निर्मित तथा निर्देशित किया था. लेकिन फिल्म की रिलीज के बाद कुछ ऐसी बातें हुईं कि दिलीप कुमार, मनोज कुमार से नाराज हो गए.


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बातों बातों में
जब फिल्म रिलीज हुई तो मनोज कुमार ने कई ऐसी बातें मीडिया में कही, जिससे दिलीप कुमार नाराज हो गए. मनोज कुमार ने कहा कि दिलीप साहब को जो बात सबसे ज्यादा परेशान कर रही है, वह यह कि क्रांति मनोज कुमार की फिल्म के नाम से जानी जा रही है न कि दिलीप कुमार के नाम से. उन्होंने यह भी कहा कि दिलीप कुमार की अब सेलेबल वेल्यू नहीं है. डिस्ट्रीब्यूटर दिलीप साहब के नाम पर फिल्म खरीदना नहीं चाहते. असल में, क्रांति से पहले पिछले 10 सालों में दिलीप कुमार की कोई फिल्म ब्लॉकबस्टर नहीं हुई थी. इसलिए मनोज कुमार ने यह भी कहा कि कई निर्माता-निर्देशक फिल्म के रिलीज होने का इंतजार कर रहे थे ताकि वह देख सकें कि अब भी दिलीप कुमार के नाम से फिल्म बिकती है या नहीं. मनोज कुमार ने कहा कि क्रांति इसलिए बिकी क्योंकि वह मेरी फिल्म थी.


इतनी बढ़ी नाराजगी
मनोज कुमार द्वारा दिए गए इन बयानों से दिलीप कुमार काफी आहत हुए. इस फिल्म के बाद उन्होंने मनोज कुमार से दूरियां बना ली. उन्होंने कसम खा ली कि आगे वह मनोज कुमार के साथ किसी भी तरह से नहीं जुड़ेंगे न पर्सनली और न ही प्रोफेशनली. दिलीप कुमार की मनोज कुमार के साथ यह आखिरी फिल्म थी. व्यक्तिगत रूप से भी उन्होंने मनोज कुमार से सारे रिश्ते खत्म कर लिए. यही कारण है कि जब मनोज कुमार के पिता नहीं रहे तब भी दिलीप कुमार, मनोज कुमार के घर शोक-संवेदना प्रकट करने नहीं पहुंचे.