Gulzar Film: फिल्म में किसी एक्टर और डायरेक्टर के संबंध कितने सहज है, इस पर बहुत कुछ निर्भर करता है. अगर यह ठीक न हों तो फिल्म या तो खराब बनेगी या फिर बंद हो जाएगी. ऐसा नहीं हुआ तो दोनों में से किसी एक को प्रोजेक्ट से बाहर होना पड़ेगा. 1972 में आई फिल्म कोशिश (Koshish) को निर्देशक गुलजार की शानदार फिल्मों में गिना जाता है. फिल्म को दो नेशनल अवार्ड (National Award) मिले थे. बेस्ट स्क्रिप्ट (Best Script) और बेस्ट एक्टर (Best Actor). फिल्म में संजीव कुमार और जया भादुड़ी (Jaya Bhaduri) लीड रोल में थे. संजीव कुमार और गुलजार ने तय कर रखा था कि वह तमाम कॉमर्शियल सिनेमा करते हुए भी साल में कम से कम एक ऑफ-बीट फिल्म जरूर बनाएंगे.


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हीरोइन की हुई विदाई
कोशिश ऐसी ही अलग किस्म की फिल्म थी, जो जापानी फिल्म हैप्पीनेस ऑफ अस अलोन (1961) से प्रेरित थी. फिल्म ऐसे पति-पत्नी की कहानी थी, जो मूक-बधिक हैं और संवेदनहीन समाज में अपनी जगह बनाने की कोशिश करते हैं. कामयाब भी होते हैं. कहानी फिर आगे कुछ और ट्विस्ट-टर्न लेती है. फिल्म में संजीव कुमार के साथ उस दौर की सबसे खूबसूरत अभिनेत्रियों में शामिल मौसमी चटर्जी (Moushumi Chatterjee) को साइन किया गया था. कुछ सीन भी शूट हो चुके थे. लेकिन तब सैट से खटपट की खबरें आने लगीं. नतीजा यह हुआ कि आखिरकार मौसमी फिल्म से बाहर हो गईं. इसे लेकर अलग-अलग कहानियां आईं. कहा गया कि मौसमी गूंगी-बहरी युवती के किरदार की टोन को नहीं पकड़ पा रही हैं.


असिस्टेंट पहुंचा घर
यह भी कहा गया कि मौसमी सैट पर महंगी और अलग-अलग साड़ियों की डिमांड करती हैं. इसलिए उन्हें बाहर कर दिया गया. मगर यह बात भी सामने आई कि गुलजार कम बजट वाली इस छोटी फिल्म को जल्दी खत्म करना चाहते थे. उन्होंने मौसमी से कहा कि वह फिल्म को देर रात तक शूट करेंगे, अतः मौसमी चटर्जी को आधी रात 12 बजे तक रुकना होगा. मौसमी ने इंकार किया कि वह शादीशुदा हैं और देर रात तक नहीं रुक सकेंगी. तो गुलजार ने कहा कि उन्हें हटाकर फिर दूसरी हीरोइन लेना होगी. मौसमी को लगा गुलजार मजाक कर रहे हैं, तो उन्होंने जवाब दिया कि ठीक है हीरोइन बदल लें. अगले दिन गुलजार का असिस्टेंट मौसमी के घर जा पहुंचा और शूटिंग की साड़ियां मांग ली. मौसमी को झटका लगा. उन्हें पता चला कि शाम तक फिल्म में दूसरी हीरोइन यानी जया भादुड़ी आ गई हैं. तब मौसमी को विश्वास हो गया कि उन्हें जानबूझकर, सोचे-समझे ढंग से हटाया गया है. खैर, गुलजार और मौसमी के बीच यह नाराजगी लंबी चली. फिर दस साल बाद गुलजार ने मौसमी चटर्जी और संजीव कुमार को लेकर अंगूर बनाई.


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