Bollywood Old Songs: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राजनीतिक जीवन इतनी व्यस्तताओं से भरा है कि उन्हें गीत सुनने या फिल्में देखने के लिए समय नहीं मिल पाता. लेकिन कुछ साल पहले एक्टर अक्षय कुमार ने एक इंटरव्यू में उनसे पूछा था कि क्या वह हिंदी फिल्मों के गीत कभी गुनगुनाते हैं. इस पर मोदी ने कहा था कि मैं ज्यादा गाने नहीं गुनगुनाता हूं लेकिन जो मेरा पसंदीदा गाना है, वह हैः ज्योति कलश छलके. उल्लेखनीय है कि यह गाना फिल्म भाभी की चूड़ियां (1961) का है. जिसे लता मंगेशकर ने गाया था. साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि इसके आलावा मुझे ओ पवन वेग से उड़ने वाले घोड़े... गाना भी काफी पसंद है. 1961 में ही महाराण प्रताप के जीवन पर आई फिल्म जय चित्तौड़ का यह गाना भी लता मंगेशकर ने गाया था. फिल्म में निरूपा रॉय और जयराज थे.


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राम भक्त हनुमान
मोदी ने कहा था कि ऐसे पुराने गाने उन्हें बहुत अच्छे लगते थे. अब रोचक बात यह है कि जय चितौड़ के जिस गाने को प्रधानमंत्री ने अपनी पसंद के गानों शुमार किया, उसके संगीतकार एस.एन. त्रिपाठी थे. जो बेहतरीन संगीतकार होने के साथ-साथ बढ़िया एक्टर भी थे. एक्टिंग में उनकी पहचान पौराणिक फिल्मों के किरदारों के लिए थी. 1950 और 1960 के दशक में उन्होंने फिल्मों में जमकर काम किया. 1948 में निर्देशक होमी वाडिया की फिल्म राम भक्त हनुमान में पवनपुत्र हनुमान की लीड भूमिका ने उन्हें स्टार बना दिया था. इस रोल में त्रिपाठी इतने हिट हुए कि इसके बाद कई फिल्मों में उन्हें हनुमान का रोल ऑफर हुआ और वह इस किरदार में दर्शकों के बीच खूब लोकप्रिय रहे.


एक्टिंग और म्यूजिक
अभिनय में रुचि के कारण त्रिपाठी को पहली भूमिका फिल्म बॉम्बे टॉकीज की फिल्म जीवन नैया (1936) में मिली थी. इसी स्टूडियो से उन्होंने अपना करियर शुरू किया था. इसके बाद उन्होंने उत्तर अभिमन्यु (1946) में अभिनय किया. फिर 1948 में आई राम भक्त हनुमान ने उन्हें बड़ी पहचान दी. फिल्म में अभिनेता त्रिलोक कपूर भगवान राम की भूमिका में थे. फिल्म में त्रिपाठी ने संगीत भी दिया था और एक अभिनेता के रूप में उनकी पहली प्रमुख भूमिका थी. इसके बाद उन्होंने होमी वाडिया की फिल्म, हनुमान पाताल विजय (1951) सहित कई फिल्मों में हनुमान का किरदार निभाया.


पढ़ाई के साथ संगीत
एक दौर के बाद एन.एन. त्रिपाठी फिल्म संगीत में रम गए और एक्टिंग के दूर हो गए. उन्हें भारतीय शास्त्रीय संगीत का गहरा ज्ञान था. उन्होंने इसकी पढ़ाई की थी और हिंदी फिल्मों की पहली महिला संगीतकार सरस्वती देवी के सहायक भी रह चुके थे. सरस्वती देवी अपने दौर के सबसे बड़े स्टूडियो बॉम्बे टॉकीज की प्रमुख म्यूजिक डायरेक्टर थीं. युनिवर्सिटी की पढ़ाई के दौरान ही त्रिपाठी ने प्रयाग संगीत समिति से संगीत प्रवीण और संगीत विशारद जैसी डिग्रियां हासिल की थी. इसी दौरान वह सरस्वती देवी के संपर्क में आए थे.