Khan Actors: 20 साल पहले बना था खान तिकड़ी की फिल्म का प्लान; स्क्रिप्ट पढ़ी तीनों ने, ये हुआ अंजाम
Salman Khan: ऐसे समय जबकि खान तिकड़ी करियर के अंतिम दौर में है, कयास लग रहे हैं कि क्या तीनों किसी फिल्म में साथ दिखेंगेॽ शाहरुख ने तिकड़ी के सवाल पर एक बार कहा था कि तीनों को साइन करने में प्रोड्यूसर के कपड़े बिक जाएंगे. हालांकि यशराज फिल्म्स ने एक कोशिश की थी. जानिए तब क्या हुआॽ
Shah Rukh Khan: आज तक ऐसी कोई फिल्म नहीं आई जिसमें खान तिकड़ी यानी आमिर खान, सलमान खान और शाहरुख खान एक साथ दिखाई दिए हों. तीनों में सलमान ही अकेले खान हैं जिन्होंने आमिर तथा शाहरुख दोनों के साथ अलग-अलग फिल्मों में काम किया है. जबकि शाहरुख-आमिर खान किसी फिल्म में साथ नहीं दिखे. हालांकि अगर सब कुछ सही होता तो बीस साल पहले यह तीनों एक फिल्म में दिखाई देते. फिल्म थी, ओम जय जगदीश. यशराज फिल्म्स (YRF) इस फिल्म को प्रोड्यूस करना चाहता था. फिल्म को अनुपम खेर (Anupam Kher) डायरेक्ट कर रहे थे. यशराज फिल्म्स ने अनुपम खेर से कहा था कि यदि वह तीनों खान के साथ रानी मुखर्जी (Rani Mukharjee), काजोल (Kajol) तथा प्रीति जिंटा को फिल्म करने के लिए मना लेते हैं, तो वह इस प्रोड्यूस करेंगे तथा अनुपम खेर ही इस फिल्म के डारेक्टर होंगे.
सामने आई यह समस्या
अनुपम खेर इस फिल्म से एक नई शुरुआत करने जा रहे थे. इस फिल्म से वह निर्देशन के क्षेत्र में उतर रहे थे. इसलिए उन्होंने तीनों खान के साथ साथ तीनों हीरोइनों से भी बात की. सबने स्क्रिप्ट पढ़ी लेकिन डेट्स की प्रॉब्लम थी. किसी ने भी अनुपम खेर की यह फिल्म करने के लिए हां नहीं की. आखिरकार तीनों खान के से साथ फिल्म बनने का आइडिय ड्रॉप हो गया और यह फिल्म वासु भगनानी द्वारा प्रोड्यूस की गई. अनुपम खेर ही डायरेक्टर रहे. साथ ही यशराज फिल्म्स का तीनों खान को एक साथ पर्दे पर लाने का सपना, सपना ही रह गया.
फिर बनी यह फिल्म
अनुपम खेर द्वारा निर्देशित ओम जय जगदीश में अनिल कपूर (Anil Kapoor), फरदीन खान (Fardeen Khan), अभिषेक बच्चन (Abhishek Bachchan), महिमा चौधरी, उर्मिला मातोंडकर, तारा शर्मा तथा वहीदा रहमान (Wahida Rahman) की मुख्य भूमिकाएं थी. फिल्म मां और उसके तीन बेटों की कहानी थी. कई लोगों का कहना था कि फिल्म 1969 में आई राजेश खन्ना (Rajesh Khanna), मुमताज (Mumtaz) स्टारर फिल्म दो रास्ते से प्रेरित थी. समीक्षकों ने फिल्म को सराहा. बतौर निर्देशक उनकी यह पहली फिल्म थी. लेकिन स्क्रिप्ट में झोल थे. दर्शकों को फिल्म की कहानी नई बोतल में पुरानी शराब जैसी लगी. फिल्म 1960-70 के दशक में आई फिल्मों की याद दिलाती थी. यही कारण है कि दर्शकों का दिल जीतने में फिल्म कामयाब नहीं रही. दर्शकों ने इसे सिरे से खारिज कर दिया. 13 करोड़ में बनी फिल्म का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन मात्र 7 करोड़ रहा. इसके बाद अनुपम खेर ने किसी बॉलीवुड फिल्म का निर्देशन करने की हिम्मत नहीं दिखाई.
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