Rajasthan News: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में बीते रविवार सुबह हिंसा भड़क उठी. जैसे ही वहां सर्वे के लिए एक टीम पहुंची तो वहां मौजूद लोगों ने उन पर पत्थरबाजी की और वाहनों में आग लगा दी गई. हिंसा में एक युवक की मौत भी हो गई. भीड़ ने जमकर बवाल काटा. बवाल को शांत करने वहां बाड़मेर के शेर केके विश्नोई पहुंचे. उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने को कहा. साथ ही नेताओं के बहकावे में आकर अपने भविष्य को खराब न करने की भी अपील की. उनका अंदाज लोगों को काफी पसंद आ रहा है. तो आई जानते हैं कि कौन है कृष्ण कुमार बिश्नोई और कैसे रहा उनका आईपीएस का सफर.
कृष्ण कुमार बिश्नोई को लोग केके बिश्नोई के नाम से जानते हैं. वह 2018 बैच के IPS अधिकारी हैं. उनकी गिनती उत्तर प्रदेश के सबसे दबंग आईपीएस अधिकारियों में की जाती है. उन्होंने अपनी मेरठ पोस्टिंग के दौरान यूपी के खूंखार अपराधियों में शामिल बदन सिंह बद्दो की कोठी पर बुलडोजर चला दिया था. इस पर 5 लाख रुपये का इनाम रखा गया था. इतना ही नहीं, अपनी मुजफ्फरनजर पोस्टिंग के दौरान उन्होंने कुख्यात अपराधी सुशील मूंछ को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा था. वहीं, जब पोस्टिंग गोरखपुर में हुई तो उन्होंने माफियाओं की 800 करोड़ से भी अधिक की संपत्ति जब्त किया था.
बता दें कि आईपीएस केके बिश्नोई राजस्थान के बाड़मेर जिले के एक छोटे से गांव के निवासी हैं. केके 6 भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं. कृष्ण का स्कूल गांव से ही हुआ है. वह मिडिल क्लास फैमली थे. सरकारी स्कूल से 8वीं क्लास में जिला टॉप किया था. फिर उन्होंने सीकर के एक स्कूल में एडमिशन लिया और 10वीं की परीक्षा फर्स्ट डिवीजन से क्लीयर की. इसके बाद 12वीं जोधपुर स्थित केंद्रीय विद्यालय से की और फिर आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली का रुख किया. कृष्ण ने सेंट स्टीफन कॉलेज से बीए किया है.
कृष्ण यहीं नहीं रुके. अपने बड़े-बड़े सपनों को पूरा करने के लिए उन्होंने विदेश का रुख किया. उन्होंने फ्रांस में पढ़ाई के लिए पहले स्कॉलरशिप का फॉर्म फिल किया, जिसके बाद वह सेलेक्ट हो गए और फ्रांस सरकार की ओर से उन्हें पढ़ाई के लिए 40 लाख रुपये की स्कॉलरशिप दी गई. साल 2015 में उन्होंने पेरिस स्कूल ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स से अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा में मास्टर डिग्री की. इसके बाद उन्होंने ‘द फ्लेचर स्कूल’ से भी आगे की शिक्षा ली.
<iframe frameborder="0" height="444" scrolling="no" src="https://zeenews.india.com/hindi/india/rajasthan/web-stories/chanakya-nit..." 333"="">इतनी पढ़ाई और साला 30 लाख पैकेज की नौकरी के बाद बाड़मेर के शेर केके विश्नोई के मन में देश सेवा का जुनून पैदा हुआ. फिर क्या उन्होंने अपने इस सपने को भी पूरा किया और upsc का एक्जाम क्लीयर किया. दूसरे प्रयास में महज 24 साल की उम्र में उन्होंने यूपीएससी क्लीयर किया और आईपीएस अधिकारी बन गए.