कार्डिफ: आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप (World Cup 2019) इंग्लैंड के साथ-साथ वेल्स में हो रहा है और वेल्स में एक काउंटी टीम है ग्लेमोर्गन. यह वो काउंटी टीम है, जिससे एशियन क्रिकेटरों से बड़ा खास रिश्ता है. इस टीम से भारतीय टीम के कोच रवि शास्त्री, जावेद मियादाद, वकार यूनिस, माजिद खान जैसे क्रिकेटर खेल चुके हैं. रवि शास्त्री (Ravi Shastri) तो इस टीम के लिए खेलने को अपने करियर का टर्निंग प्वाइंट मानते हैं. उन्होंने बताया कि इस टीम ने उनकी बैटिंग स्टाइल बदल दी थी. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

रवि शास्त्री का इंटरनेशनल करियर करीब 11 साल का रहा. इसी दौरान उन्होंने चार साल इंग्लिश काउंटी की ग्लेमोर्गन काउंटी टीम के लिए खेले. उन्होंने इस टीम के लिए 62 मैच खेले और 42 की औसत से 3402 रन बनाए. इसमें छह शतक और 20 अर्धशतक शामिल हैं. इसके अलावा 95 विकेट भी लिए. 

यह भी पढ़ें: World Cup 2019: दक्षिण अफ्रीका फिर होगा उलटफेर का शिकार? बांग्लादेश ने दिया 330 से बड़ा टारगेट


रवि शास्त्री ने बताया, ‘मैं इस टीम के लिए 1987 से 1991 तक खेला. वो शानदार वक्त था. यहां खेलने से बतौर बल्लेबाज मेरी जिंदगी बदल गई. कार्डिफ और इंग्लैंड के मैदानों और परिस्थितियों में खेलने से मेरी बैटिंग की तकनीक भी सुधरी.’ शास्त्री ने वेल्स के एक अखबार से बताया था, ‘ग्लेमोर्गन में खेलने के बाद मैंने शतक बनाने शुरू कर दिए, वो भी बड़ी टीमों के खिलाफ. मैंने यहां खेलने के बाद वेस्टइंडीज, पाकिस्तान, इंग्लैंड के खिलाफ शतक बनाए. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तो दोहरा शतक भी बनाया.’ 


रवि शास्त्री के मुताबिक जब वे ग्लेमोर्गन के लिए खेलते थे, तब मिडिलसेक्स भी उनसे कॉन्ट्रैक्ट करना चाहता था. लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया था. शास्त्री के मुताबिक, ‘यह मेरा मैदान (कार्डिफ) था. मेरा इलाका था. इसलिए मैंने मिडिलसेक्स के लिए बस यही कहा- बेस्ट ऑफ लक कहा.’ ग्लेमोर्गन वेल्स की एकमात्र टीम है, जिसने इंग्लिश काउंटी चैंपियनशिप जीती है. इस क्लब से वेस्टइंडीज के दिग्गज विवियन रिचर्ड्स भी खेल चुके हैं.