मैनचेस्टर: भारत और पाकिस्तान का क्रिकेट मैच (India vs Pakistan) दुनिया में सबसे अधिक देखे जाने वाले मैचों में से है. इसकी यही खूबी क्रिकेटरों पर दबाव भी बनाती है. उन पर इतना दबाव रहता है कि कई बार वे आपस में भिड़ जाते हैं. ऐसा ही एक वाक्या 2003 के वर्ल्ड कप (World Cup 2019) में हुआ था. यह वर्ल्ड कप (World Cup 2003) दक्षिण अफ्रीका में खेला गया था. ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने मोहम्मद यूसुफ के साथ हुई लड़ाई को याद करते हुए कहा कि अब इसे सोचकर हंसी आती है, जिसके लिए दोनों टीमों के सीनियर खिलाड़ियों को बीच बचाव के लिए आना पड़ा था.


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हरभजन सिंह ने बताया कि मोहम्मद यूसुफ (Mohammed Yousuf) ने उन्हें लेकर कुछ निजी टिप्पणी की. फिर उनके धर्म के बारे में भी कुछ बात बोली. इसके बाद दोनों अपने हाथों में कांटे लेकर एक दूसरे से भिड़ गए थे. हरभजन ने इस घटना पर हंसते हुए कहा कि ऐसा 16 साल पहले सेंचुरियन में हुआ था. उन्होंने साथ ही स्वीकार किया कि उस समय यह लड़ाई इतनी बढ़ गई थी कि इसमें बीचबचाव के लिए वसीम अकरम, राहुल द्रविड़ और जवागल श्रीनाथ को हस्तक्षेप करना पड़ा था. 

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सेंचुरियन में खेले गए इस मैच में पाकिस्तान ने 270 से ज्यादा रन का स्कोर बनाया था. उस समय यह अच्छा स्कोर माना जाता था और भारत पर इस लक्ष्य का पीछा करने का थोड़ा दबाव भी था. पहली पारी के बाद लंच के दौरान ही भज्जी और यूसुफ का यह झगड़ा हुआ था. लंच ब्रेक के बाद सचिन तेंदुलकर ने 98 रन की बेहतरीन पारी खेली थी और भारत को मैच जिताया था.

हरभजन ने कहा, ‘यह सब एक चुटकुले से शुरू हुआ लेकिन बाद में यह झगड़े में तब्दील हो गया. मुझे उस मैच के लिए अंतिम एकादश में नहीं लिया गया था और अनिल भाई (कुंबले) उसमें खेल रहे थे. मैं थोड़ा निराश था और जब आप अंतिम एकादश में नहीं हो तो यह हो सकता है.’ उन्होंने कहा, ‘लंच के समय मैं एक टेबल पर बैठा था. यूसुफ व शोएब अख्तर दूसरी टेबल पर बैठे थे. हम दोनों पंजाबी बोलते हैं और एक दूसरे की खिंचाई कर रहे थे. तब अचानक उसने निजी टिप्पणी कर दी और फिर मेरे धर्म के बारे में कुछ बोला.’ 

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हरभजन ने हंसते हुए कहा, ‘फिर मैंने भी तुरंत ऐसा ही करारा जवाब दिया. इससे पहले कि कोई समझ पाता, हम दोनों के हाथ में ‘छुरी-कांटे’ थे और हम अपनी कुर्सी से उठकर एक दूसरे पर वार करने के लिए तैयार थे.’ लेकिन तब यह घटना हुई थी तो यह इतनी हास्यास्पद नहीं लग रही थी. उन्होंने कहा, ‘राहुल द्रविड़ और जवागल श्रीनाथ ने मुझे रोका जबकि वसीम भाई और सईद भाई ने यूसुफ को रोका. दोनों टीमों के सीनियर खिलाड़ी नाराज थे और हमें कहा गया कि यह सही व्यवहार नहीं था.’ उन्होंने कहा, ‘इस घटना को अब 16 साल हो गए हैं. अब जब मैं यूसुफ से मिलता हूं तो हम दोनों इस घटना को याद कर हसंते हैं.’